- वायरल गर्ल दिव्यांग सीमा फिर दर्द में, वादा करके भूल गए सभी।
- वायरल गर्ल दिव्यांग सीमा, एक पैर से जाती थी स्कूल अब वो भी बंद।
- चिराग पासवान ने दो हजार रुपये महीना देने की बात कही थी, वह भी नहीं दिए।
बुलेटिन इंडिया।
बिहार के जमुई की रहने वाली दिव्यांग सीमा का दो साल पहले वायरल विडियो काफी सुर्खियों में रहा था। फुदक फुदक कर स्कूल जाने की उसकी वीडियो वायरल हुई तो नेता से लेकर अफसर तक उसके घर पहुंचे। लेकिन अब वही सीमा एक बार फिर दर्द में है। उस समय कानपुर की एक संस्था ALIMCO ने सीमा को कृत्रिम पैर लगवाए जिससे कुछ समय तक उसका जीवन आसान हो गया था, लेकिन वही बच्ची आज फिर से दर्द में है।
कृत्रिम पैर से बढ़ी परेशानी
सीमा को दो साल पहले एक संस्था ने कृत्रिम पैर प्रदान किया था, लेकिन अब उसकी उम्र और कद बढ़ने के कारण यह पैर छोटा हो गया है। पैर के सही तरीके से फिट न होने के कारण उसे चलने में तकलीफ होती है और दर्द इतना बढ़ जाता है कि वह बेहोश हो जाती है। सीमा की मां बेबी देवी बताती हैं, “कृत्रिम पैर अब छोटा हो गया है। इसे पहनते ही सीमा को दर्द होने लगता है और वह रोने लगती है। पूरा पैर सूज जाता है।”
वादों की हकीकत
राजनीति में वादा खिलाफी कोई नई बात नहीं है, लेकिन जिस राजनेता से ज्यादा उम्मीदें हो और वह भी अपनी वादों पर खरा न उतरे तो काफी तकलीफ होती है। ऐसा हीं हुआ दिव्यांग सीमा के साथ।
सीमा के पिता खैरान मांझी बताते हैं कि जब उनकी बेटी की विडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी तो उसका परिश्रम देखकर लोगों ने और नेताओं ने खूब वादे किए थे। लेकिन आज तक वो वादे पूरे नहीं किए गए। कृत्रिम पैर छोटा हो गया, ट्राईसाइकिल भी खराब हो गई। कोई पूछने वाला नहीं है। प्रशासन भी हमें भूल गया।
उन्होंने बताया कि “लोक जनशक्ति पार्टी के चिराग पासवान ने दो हजार रुपए महीन देने की बात कही थी वह भी नहीं दिए, घर बनाने की बात कही थी वह भी नहीं किया न ही चापाकल मिला. खाली झूठ बोला गया कि सीमा को इतना दिए।”
सीमा की उम्मीदें
सीमा को उम्मीद है कि सरकार जल्द ही उसकी सहायता करेगी और उसे नया कृत्रिम पैर मिलेगा, जिससे वह फिर से स्कूल जा सकेगी। हालांकि, अब तक प्रशासन की ओर से इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। ऐसे में सवाल यह है कि आखिर कब तक सीमा और उसके परिवार के साथ किए गए वादे पूरे होंगे?
समय ही बताएगा कि क्या सीमा को दोबारा उसका खोया हुआ सहारा मिलेगा या फिर वह वादों की भूलभुलैया में फंसकर रह जाएगी।