- आरा सांसद सुदामा प्रसाद ने रेलवे से प्राप्त महंगे उपहारों को लौटाया।
- कहा यह सार्वजनिक हित से जुड़े मुद्दों पर सांसदों को चुप कराने की यह एक साजिश है।
Bulletin India. Bihar.
आरा से भाकपा-माले सांसद सुदामा प्रसाद ने रेलवे संबंधी स्थायी समिति सदस्यों की 31 अक्टूबर से 7 नवंबर 2024 के बीच बैंगलोर, तिरुपति से हैदराबाद तक की अध्ययन यात्रा के दौरान आरआईटीईएस और रेल विकास निगम लिमिटेड द्वारा दिए गए महंगे उपहार को वापस कर दिया। उपहार के नाम पर उन्हें सोने का सिक्का और 100 ग्राम चांदी का ब्लॉक मिला था।
सांसद ने रेलवे की स्टैंडिग कमिटी के चेयरपर्सन सीएम रमेश को लिखे पत्र में कहा है कि अतिथियों को शॉल, पेंटिंग, फूल और कुछ स्मृति चिन्ह भेंट करने की परंपरा रही है। लेकिन, भारतीय रेलवे द्वारा सोने का सिक्का व चांदी का ब्लॉक उपहार में देना बिलकुल अनैतिक है। उन्होंने कहा कि दो बैग में यह उपहार मिला था लेकिन थके होने की वजह से वे तत्काल देख नहीं सके कि उपहार में क्या मिला है।
उन्होंने कहा कि जब आज यात्री रेलवे सुरक्षा, किराया वृद्धि, सुविधाओं की कमी और भारतीय रेलवे द्वारा अपमानजनक व्यवहार जैसी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, ऐसे में रेलवे की स्थायी समिति के सदस्यों को इस प्रकार के महंगे उपहार देना सार्वजनिक हित से जुड़े मुद्दों पर सांसदों को चुप कराने की एक गहरी साजिश भी है।
उन्होंने आगे कहा कि रेलवे में कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन नहीं मिलता। उन्हें ठेके पर काम करने के लिए मजबूर किया जाता है और ठेकेदारों के हाथों परेशान किया जाता है। इसी तरह, आम लोगों को सामान्य और स्लीपर डिब्बों में गरिमा के साथ यात्रा करने की अनुमति नहीं है। गरीब और मध्यम वर्ग के लिए नई ट्रेनें शुरू नहीं की जा रही हैं। उसकी जगह वंदे भारत एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। जाहिर सी बात है कि रेलवे की सुविधा आम लोगों से छीन लेने की कोशिश ही मोदी राज में हुई है। सरकार को इन पहलुओं पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि एक संसद सदस्य के रूप में इस तरह के उपहार पर नाराजगी और दुख व्यक्त करता हूं और इसे वापस करता हूं।
उक्त जानकारी भाकपा-माले के बिहार मीडिया प्रभारी कुमार परवेज ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दिया।
सांसद सुदामा का यह कदम सराहनीय व जनहित में है।