संवाददाता, गुवा।
रक्त सेवा समूह की सदस्य, रिंकी सिंह, जो किरीबुरु के सेलकर्मी चंद्रकांत सिंह की पत्नी हैं, ने एक मरीज की जान बचाने के लिए रक्तदान कर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। रिंकी सिंह, इस समूह की पहली महिला सदस्य बनीं, जिन्होंने रक्तदान किया। उनके इस सराहनीय कार्य की प्रशंसा समूह के संस्थापक और समाजसेवी संतोष पंडा सहित सैकड़ों सदस्यों ने की। माना जा रहा है कि रिंकी सिंह की इस पहल से अन्य महिलाएं भी प्रेरित होकर रक्तदान के लिए आगे आएंगी।
उल्लेखनीय है कि संतोष पंडा ने सारंडा क्षेत्र में रक्त की कमी से जूझ रहे मरीजों की मदद के लिए वर्ष 2022 में “रक्त सेवा सदस्य, सारंडा” नामक पहला व्हाट्सएप समूह बनाया था। इस समूह का उद्देश्य था कि मरीजों को बिना किसी परेशानी के नि:शुल्क रक्त उपलब्ध कराया जाए। धीरे-धीरे इस समूह से सैकड़ों लोग जुड़ते गए, और वर्तमान में इसमें 990 रक्तदाता सदस्य हैं। इस समूह की सफलता के बाद, संतोष पंडा ने अगस्त 2023 में “रक्त सेवा सदस्य” के नाम से चार नए समूह बनाए, जिनमें नोवामुंडी (750 सदस्य), चाईबासा (247 सदस्य), चम्पुआ (147 सदस्य), और मनोहरपुर (57 सदस्य) शामिल हैं। इन समूहों से युवा तेजी से जुड़ रहे हैं।
जब भी किसी अस्पताल में रक्त की जरूरत होती है, तो अस्पताल प्रबंधन मरीज का नाम, बेड संख्या और रक्त समूह की जानकारी इस समूह में साझा करता है। इसके बाद, समूह के सदस्य रक्तदान के लिए अपनी सहमति देते हैं और यह तय किया जाता है कि कौन रक्तदान करेगा। रक्तदान के समय समूह के अन्य सदस्य भी सहयोग के लिए उपस्थित रहते हैं। यह पूरा कार्य नि:शुल्क और पारदर्शी ढंग से होता है।
संतोष पंडा ने कहा कि यह सिर्फ रक्तदान नहीं है, बल्कि एक क्रांति है, जो सारंडा क्षेत्र के मरीजों की जान बचाने में अहम भूमिका निभा रही है। अगर यह समूह नहीं होता, तो कई मरीजों की जान जा सकती थी और गरीब मरीजों की परेशानियां बढ़ सकती थीं।