“झारखंड की बेटी रितिका तिर्की चला रही हैं वंदे भारत एक्सप्रेस, आदिवासी समाज के लिए बनीं प्रेरणा”
Bulletin India. Ranchi.
झारखंड की धरती से जन्मी आदिवासी महिला रितिका तिर्की ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। 27 वर्षीय रितिका तिर्की को देश की प्रतिष्ठित वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का सहायक लोको-पायलट बनाया गया है। यह जिम्मेदारी उन्हें उनके कठिन परिश्रम और समर्पण के चलते मिली है, और उन्होंने न केवल महिला सशक्तिकरण की दिशा में कदम बढ़ाया है, बल्कि आदिवासी समाज के लिए भी एक प्रेरणा के रूप में उभरी हैं।
रितिका तिर्की झारखंड के गुमला जिले की निवासी हैं। उनकी यह उपलब्धि इसलिए भी विशेष है क्योंकि वे संभवतः देश की पहली आदिवासी महिला हैं, जो इस अहम पद पर नियुक्त की गई हैं। उनका यह योगदान महिलाओं के लिए नई राह खोलने वाला साबित हो सकता है। वंदे भारत एक्सप्रेस जैसी हाई-स्पीड ट्रेन की सुरक्षा और संचालन की जिम्मेदारी निभाते हुए, रितिका ने साबित किया है कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से पीछे नहीं हैं।
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उनकी इस कामयाबी पर न केवल झारखंड, बल्कि पूरे देश को गर्व है। यह उपलब्धि महिलाओं और विशेषकर आदिवासी समाज के लिए एक बड़ा संदेश है कि किसी भी लक्ष्य को पाने के लिए कड़ी मेहनत और समर्पण की आवश्यकता होती है।