• अस्पताल प्रबंधन ने परिजनों को बहला-फुसलाकर कर मामला को किया रफा-दफा।
बुलेटिन इंडिया, बोकारो संवाददाता।
बोकारो। “नाम बड़े और दर्शन छोटे” ऐसा हीं हाल है बोकारो के लगभग निजी अस्पतालों का। जिन डॉक्टरों को लोग भगवान का दर्जा देते हैं, वहीं यमराज बनने पर आतुर हैं। ऐसा हीं एक मामला बोकारो के एक निजी अस्पताल से आया है।
शहर के नामी निजी अस्पताल मेडिकेंट पर गंभीर आरोप लगे हैं। शुक्रवार को सेक्टर-12 वियाडा कॉलोनी के समीप स्थित इस बहुमंजिला लग्जरी अस्पताल में इलाज के दौरान डॉक्टर की कथित लापरवाही से एक आदिवासी महिला की मौत हो गई। मृतका की पहचान रेलवे कर्मचारी प्रभात सोरेन की पत्नी सेलिना किस्कू के रूप में हुई है।
पीड़ित पति प्रभात सोरेन ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि उनकी पत्नी को पथरी की समस्या थी, जिसके इलाज हेतु उन्होंने मेडिकेंट अस्पताल में भर्ती कराया था। शुक्रवार को ऑपरेशन केश दौरान सर्जन डॉ. प्रवीण पुष्कर की लापरवाही से महिला की आंत काट दी गई, जिससे उसकी स्थिति गंभीर हो गई और बाद में उसकी मौत हो गई।
सोरेन के अनुसार, जैसे ही परिजनों को वास्तविक स्थिति की जानकारी मिली, उन्होंने अस्पताल प्रबंधन से जवाब मांगा। लेकिन मामला उजागर होने के डर से अस्पताल प्रशासन ने परिजनों को कथित तौर पर बहला-फुसलाकर मामले को शांत करने का प्रयास किया। उन्होंने आरोप लगाया कि बिना किसी स्पष्ट जवाब या कार्रवाई के मामले को दबाने की कोशिश की गई।
इस घटना ने न सिर्फ अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया है, बल्कि यह भी स्पष्ट कर दिया है कि करोड़ों की लागत से बने लग्जरी अस्पतालों में सेवा भावना गौण होती जा रही है और मुनाफाखोरी प्रमुख उद्देश्य बनती जा रही है।
स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों ने इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। वहीं जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से भी कार्रवाई की मांग की जा रही है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस गंभीर लापरवाही के खिलाफ क्या कदम उठाता है।