महावीर कुमार की खबर।
गांधी विचारधारा के राष्ट्रीय संगठन सर्व सेवा संघ का 90वां अधिवेशन 11 और 12 सितंबर को आचार्य विनोबा भावे की जयंती के अवसर पर पंजाब के पठानकोट स्थित प्रस्थान आश्रम में आयोजित किया जाएगा। इस दो दिवसीय अधिवेशन का उद्घाटन निर्वासित तिब्बत सरकार के पूर्व प्रधानमंत्री और केंद्रीय उच्च तिब्बती अध्ययन संस्थान के पूर्व निदेशक समदोंग रिनपोछे करेंगे।
अधिवेशन की तैयारियों को लेकर प्रस्थान आश्रम के मंत्री कीर्ति मित्तल के नेतृत्व में स्वागत समिति सक्रिय रूप से जुटी हुई है। सर्व सेवा संघ के प्रबंधक ट्रस्टी महादेव विद्रोही ने एक प्रेस विज्ञप्ति में जानकारी दी कि अधिवेशन में गांधीवादी विचारधारा के विस्तार और मौजूदा सामाजिक-राजनीतिक परिस्थितियों पर गंभीर चर्चा की जाएगी।
सर्व सेवा संघ का उद्देश्य :-
सर्व सेवा संघ की स्थापना मार्च 1948 में देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की अध्यक्षता में हुई थी। इसमें आचार्य विनोबा भावे, लोकनायक जयप्रकाश नारायण, आचार्य कृपलानी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, डॉ. ज़ाकिर हुसैन, संत तुकड़ोजी महाराज सहित कई प्रमुख राष्ट्रीय नेता उपस्थित थे। तब से यह संगठन गांधीवादी मूल्यों जैसे भूदान, ग्रामदान, प्राकृतिक चिकित्सा, जल-जंगल-जमीन, स्वदेशी, नई तालीम, जैविक कृषि, और सांप्रदायिक सद्भाव के प्रचार-प्रसार में सक्रिय है।
इस बार का अधिवेशन विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि वर्तमान में भारत और दुनिया कई गंभीर चुनौतियों का सामना कर रही है। मणिपुर की स्थिति और इस्राइल-फिलिस्तीन संघर्ष ने वैश्विक तनाव को बढ़ा दिया है, और गांधीवादी विचारधारा पर हो रहे हमलों ने इस अधिवेशन की प्रासंगिकता को और बढ़ा दिया है। अधिवेशन में इन मुद्दों पर चर्चा होगी और आगामी कार्यक्रमों की योजना बनाई जाएगी।
सर्व सेवा संघ द्वारा चलाए जा रहे सर्वोदय आंदोलन में यह अधिवेशन एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है।