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संवाददाता, समस्तीपुर।
बिहार में दलितों के खिलाफ अत्याचार थमने का नाम नहीं ले रहा है, चाहे सरकार कितने भी कानून क्यों न बना ले। ताजा मामला समस्तीपुर जिले के सरायरंजन पीएचसी से सामने आया है, जहां जातीय भेदभाव और पैसे की मांग पूरी न होने पर एक दलित गर्भवती महिला के साथ मारपीट की गई, जिससे नवजात शिशु की मौत हो गई।
झाखड़ा गोपालपुर निवासी जितेंद्र राम ने अपनी पत्नी आरती कुमारी को प्रसव के लिए सरायरंजन पीएचसी में भर्ती कराया था। पीड़ित परिवार के अनुसार, अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर और नर्स ने प्रसव के दौरान 20 हजार रुपये की मांग की। आरती कुमारी ने जब पैसे देने में असमर्थता जताई, तो उन्हें जातिसूचक गालियां दी गईं और उनके साथ मारपीट की गई। मारपीट के दौरान आरती के पेट में चोट लगी, जिससे उनके गर्भ में पल रहे शिशु की मौत हो गई।
जितेंद्र राम ने बताया कि जब वह रात में खाना खाने के लिए घर गए थे, तभी यह घटना घटी। आरती की हालत बिगड़ने पर नर्स और डॉक्टर ने पैसे मांगे, और जब उन्होंने पैसा देने से मना किया, तो मारपीट शुरू हो गई। घटना की जानकारी मिलने के बाद पीड़ित परिवार ने सरायरंजन थाना में शिकायत दर्ज कराई है और न्याय की गुहार लगाई है।
पीएचसी प्रभारी डॉक्टर सूरज कुमार ने बताया कि घटना की जांच के लिए एक कमेटी गठित की गई है। ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर आलम का नाम सामने आया है, और जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
यह घटना दलितों के प्रति समाज में व्याप्त भेदभाव और सरकारी अस्पतालों में व्याप्त भ्रष्टाचार की गंभीर तस्वीर पेश करती है। पीड़ित परिवार न्याय की उम्मीद कर रहा है, जबकि प्रशासन ने जांच के बाद उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।