बुलेटिन इंडिया

रीना साहनी, संपादक।

नई दिल्ली/बोकारो। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) ने अपने इतिहास में पहली बार कड़ी प्रशासनिक कार्रवाई करते हुए 11 महाप्रबंधकों (GM) को जबरन सेवानिवृत्ति दे दी है। यह कार्रवाई कार्य में लापरवाही और अकर्मण्यता को लेकर की गई है। इस फैसले के बाद कंपनी के विभिन्न इकाइयों में हड़कंप मच गया है।

Advertisement

प्रबंधन ने दिया स्पष्ट संदेश

सेल मुख्यालय, नई दिल्ली द्वारा की गई इस कार्रवाई को अनुशासनात्मक सुधार की दिशा में एक कड़ा कदम माना जा रहा है। प्रबंधन ने स्पष्ट कर दिया है कि अब कंपनी में कामचोरी और लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस निर्णय से अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच भी खलबली मच गई है।

Advertisement

बोकारो स्टील प्लांट के तीन जीएम भी प्रभावित

SAIL की विभिन्न इकाइयों के जिन 11 महाप्रबंधकों को जबरन रिटायर किया गया है, उनमें बोकारो स्टील प्लांट (BSL) के तीन महाप्रबंधक भी शामिल हैं। ये तीनों अधिकारी कोलियरी डिवीजन में कार्यरत थे। उनके नाम इस प्रकार हैं:-

  1.  संजय कुमार
  2. बादल मंडल
  3. ए. एन. हेंब्रम

सेल के इतिहास में पहली कार्रवाई

बताया जा रहा है कि यह पहली बार है जब सेल प्रबंधन ने इतनी बड़ी संख्या में वरिष्ठ अधिकारियों पर एक साथ कार्रवाई की है। यह फैसला लंबे समय से चली आ रही शिकायतों और आंतरिक जांच के बाद लिया गया है।

अन्य इकाइयों के जीएम भी हटाए गए

बोकारो स्टील प्लांट के अलावा, सेल की अन्य इकाइयों के महाप्रबंधकों पर भी यह गाज गिरी है। हालांकि, अन्य प्रभावित जीएम के नामों की आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है।

Advertisement

कर्मचारियों में चिंता, कड़े कदम के संकेत

इस कार्रवाई के बाद कर्मचारियों में चिंता की लहर है। सूत्रों के अनुसार, सेल प्रबंधन भविष्य में भी कड़े कदम उठाने के मूड में है और खराब प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई जारी रखी जा सकती है।

प्रबंधन का रुख स्पष्ट

सेल प्रबंधन का कहना है कि कंपनी के विकास और उत्पादन में बाधा डालने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। यह निर्णय दर्शाता है कि अब जिम्मेदारी से बचने वालों के लिए कोई जगह नहीं होगी।

संभावित असर और भविष्य की नीति

विशेषज्ञों का मानना है कि इस कार्रवाई से सेल के अन्य कर्मचारियों और अधिकारियों पर दबाव बढ़ेगा, जिससे कार्यक्षमता में सुधार की उम्मीद की जा सकती है। साथ ही, इससे यह भी स्पष्ट होता है कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में अब अनुशासनहीनता और लापरवाही को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा।

आने वाले दिनों में सेल प्रबंधन की ओर से और सख्त कदम उठाए जाने की संभावना जताई जा रही है।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *