⇒ आरटीआई कानून के 20 वर्ष पूरे होने पर रांची में कार्यशाला का आयोजन
⇒ 19 जिलों के आरटीआई कार्यकर्ताओं ने लिया भाग
बुलेटिन इंडिया।
जे. एम. रंगीला की रिपोर्ट।
रांची। सूचना का अधिकार (RTI) कानून के 20 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में रांची प्रेस क्लब में शनिवार को एक विशेष आरटीआई कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का संयोजन विनोद जैन बेगवानी एवं रेणुका तिवारी ने किया। कार्यक्रम में झारखंड के विभिन्न जिलों से आए करीब 100 से अधिक आरटीआई कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया।
मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व सूचना आयुक्त हिमांशु शेखर चौधरी एवं आरटीआई एक्टिविस्ट एवं रिसोर्स पर्सन दीपेश निराला मौजूद रहे।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए दीपेश निराला ने आरटीआई को एक “एविडेंस कलेक्शन टूल” बताया। उन्होंने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत मांगी गई प्रमाणित सूचनाएं विभिन्न न्यायिक और प्रशासनिक मंचों पर प्रभावी साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि झारखंड में 8 मई 2020 के बाद से राज्य सूचना आयोग में किसी भी सूचना आयुक्त की नियुक्ति नहीं हुई है, जिससे आयोग में 25,000 से अधिक अपील एवं शिकायतें लंबित हैं। इससे पारदर्शिता और जवाबदेही की भावना प्रभावित हो रही है।
दीपेश निराला ने यह भी कहा कि झारखंड में तत्काल मुख्य सूचना आयुक्त एवं सूचना आयुक्तों की नियुक्ति की जानी चाहिए तथा इस पद पर पूर्व प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्ति नहीं की जानी चाहिए, क्योंकि उनके अधीनस्थ लोग ही विभागों में जन सूचना पदाधिकारी और प्रथम अपीलीय प्राधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि विधि, पत्रकारिता, समाज सेवा, जनसंपर्क और सूचना तकनीक जैसे क्षेत्रों के विशेषज्ञों को सूचना आयुक्त बनाया जाना चाहिए।
मुख्य अतिथि हिमांशु शेखर चौधरी ने आरटीआई को एक सामाजिक आंदोलन बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि अधिकतर आरटीआई आवेदन व्यक्तिगत मामलों से संबंधित होते हैं, जबकि सार्वजनिक हित से जुड़े मामलों में आरटीआई का प्रयोग कम हो रहा है। उन्होंने युवाओं को आरटीआई प्रशिक्षण देकर इस आंदोलन को गांव-गांव तक पहुंचाने की बात कही।
कार्यशाला में उपस्थित सभी आरटीआई कार्यकर्ताओं ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि इस संबंध में मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष को ज्ञापन सौंपा जाएगा, जिसमें राज्य में सूचना आयोग के रिक्त पदों पर पारदर्शी एवं निष्पक्ष नियुक्ति की मांग की जाएगी।

इस कार्यशाला में 19 जिलों से प्रतिनिधियों ने भाग लिया जिनमें प्रमुख रूप से दुमका, गढ़वा, रामगढ़, चतरा, पाकुड़, लोहरदगा, गिरिडीह, पलामू, पूर्वी सिंहभूम, खूंटी, धनबाद, लातेहार, बोकारो, गुमला, हजारीबाग, सरायकेला-खरसावां, पश्चिमी सिंहभूम और रांची शामिल रहे।
मंच संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन संयोजिका रेणुका तिवारी ने किया।