बुलेटिन इंडिया, संवाददाता।
रांची। लगभग एक महीने 12 दिन पहले अचानक लापता हुए मधुकम प्लांट के सुपरवाइजर तुम्माला गंगाधर राव की लाश एक कुएं से बरामद की गई है। राव की हत्या के आरोप में पुलिस ने तीन संदिग्धों – विवेक सिंह मुंडा, बिजय लोहरा और सचिन मुंडा को गिरफ्तार किया है। इन तीनों ने पूछताछ में अपना अपराध स्वीकार कर लिया है। मामले का खुलासा रांची के ग्रामीण एसपी सुमित कुमार अग्रवाल ने शनिवार को मीडिया के समक्ष किया।
गायब होने की सूचना और जांच की शुरुआत
एसपी सुमित कुमार अग्रवाल ने बताया कि सात दिसंबर 2024 को मधुकम प्लांट के मैनेजर ने तमाड़ थाने में सूचना दी थी कि सुपरवाइजर तुम्माला गंगाधर राव अचानक लापता हो गए हैं। इस पर प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू की। तमाड़ थाने के प्रभारी रोशन कुमार को शुरू से ही शक था कि यह मामला किसी परिचित व्यक्ति द्वारा की गई साजिश का हो सकता है, क्योंकि राव का कोई भी करीबी रिश्तेदार रांची में नहीं रहता था। उनकी मां और भाई आंध्रप्रदेश में रहते हैं।
तकनीकी जांच से सुलझा मामला
जांच के दौरान पुलिस ने तकनीकी साक्ष्यों का सहारा लिया और तीन संदिग्धों विवेक सिंह मुंडा, बिजय लोहरा और सचिन मुंडा को हिरासत में लिया। पूछताछ में तीनों ने कबूल किया कि उन्होंने सुपरवाइजर राव की हत्या कर दी थी।
हत्या की योजना और वारदात का खुलासा
एसपी ने बताया कि 21 वर्षीय बिजय लोहरा, जो पहले प्लांट में गार्ड के रूप में काम करता था, सुपरवाइजर राव की व्यक्तिगत जानकारी से परिचित था। उसे पता था कि राव अविवाहित हैं, उनका कोई करीबी रांची में नहीं है और उनके बैंक खाते में पर्याप्त धनराशि जमा है। बिजय ने यह जानकारी अपने दोस्त विवेक सिंह मुंडा (21) को दी। इसके बाद विवेक ने राव को लूटने और हत्या करने की योजना बनाई और इसमें 19 वर्षीय सचिन मुंडा को शामिल किया।
तय योजना के अनुसार, सात दिसंबर को तीनों ने मिलकर राव से लूटपाट की। प्रतिरोध करने पर राव की हत्या कर उनकी लाश कुएं में फेंक दी। आरोपियों ने राव के एटीएम से 1.5 लाख रुपये भी निकाल लिए और उनके भाई को 20 लाख रुपये की फिरौती के लिए मैसेज भेजा।
पुलिस की सराहनीय कार्रवाई
इस जघन्य अपराध को सुलझाने में तमाड़ थाने के प्रभारी रोशन कुमार और एसआई शंभू पंडित की सराहनीय भूमिका रही। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और मामले में आगे की कार्रवाई कर रही है।
इस घटना ने इलाके में सनसनी फैला दी है। पुलिस के त्वरित और प्रभावी प्रयासों से मामला सुलझा लिया गया है, लेकिन यह घटना रांची में बढ़ते अपराधों को लेकर चिंताजनक सवाल खड़े करती है।