बुलेटिन इंडिया, डेस्क।

कॉमरेड रवि नरला लिखते हैं –

कॉमरेड विवेक @ प्रयाग मांझी, अविनाश @ अरविंद यादव, साहेबराम मांझी, महेश मांझी, तालु, रांझू मांझी, गंगाराम और महेश को लाल सलाम।

 

इनमें कॉमरेड विवेक सीपीआई (माओवादी) के सबसे वरिष्ठ नेता और केंद्रीय समिति के सदस्य हैं। आदिवासी पृष्ठभूमि से आने वाले कॉमरेड विवेक चार दशक से भी पहले बाल संघम के सदस्य के रूप में आंदोलन में शामिल हुए और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने बोकारो, गिरिडीह, जमुई और झारखंड के अन्य क्षेत्रों में आंदोलन का नेतृत्व किया। वे एक ऐसे नेता थे जिनका नाम झारखंड के आदिवासी हमेशा सिद्धू, कानो, बिरसा मुंडा और अन्य बड़े संथाली और मुंडा नेताओं की तरह लेंगे जिन्होंने आदिवासियों के जल, जंगल, जमीन और स्वाभिमान के अधिकार के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी। कॉमरेड विवेक की चेतना इन मांगों से ऊपर उठ गई। उन्होंने कॉरपोरेट माफिया द्वारा झारखंड के खनिजों की लूट को रोकने के लिए अपनी आखिरी सांस तक संघर्ष किया। उन्होंने झारखंड के आदिवासियों और अन्य शोषितों के संघर्षों को पूरे भारत के किसानों और मजदूरों के संघर्षों के साथ जोड़ने का प्रयास किया। वे भारत की नई लोकतांत्रिक क्रांति के एक बड़े नेता थे। वे आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेंगे। कुछ महीने पहले, उनकी पत्नी कॉमरेड चिंता दी को कैंसर का पता चला और उन्हें इलाज के दौरान गिरफ्तार कर लिया गया और वे जेल में हैं।

आइए हम केंद्र और राज्य सरकारों से मांग करें कि वे खनिजों को कॉरपोरेट्स को देने के लिए चलाए जा रहे इस कगार ऑपरेशन पर तुरंत रोक लगाएं।

(नोट : यह लेख स्वतंत्र पत्रकार अलका मिश्रा के फेसबुक वाल से लिया गया है।)

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *