बुलेटिन इंडिया, संवाददाता।

बोकारो। बिहार पुलिस की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। पूर्वी चंपारण जिले के पताही थाना पुलिस द्वारा बिना किसी गिरफ्तारी वारंट के एक व्यक्ति को हथकड़ी लगाकर ले जाने का मामला सामने आया है।

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घटना तब उजागर हुई जब गोपाल प्रसाद नामक व्यक्ति को बोकारो के फैमिली कोर्ट में पेश किया गया। रिकॉर्ड की जांच करने पर पता चला कि गोपाल प्रसाद के नाम पर कोई गिरफ्तारी वारंट जारी नहीं हुआ था। बल्कि, उनके खिलाफ केवल डिस्ट्रेस वारंट जारी किया गया था।

इस संदर्भ में बोकारो व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता रंजीत गिरि ने बताया कि डिस्ट्रेस वारंट एक कानूनी आदेश होता है, जिसके तहत व्यक्ति की संपत्ति जब्त की जा सकती है, लेकिन इसमें उसकी गिरफ्तारी का कोई प्रावधान नहीं होता। इसके बावजूद, बिहार पुलिस ने कानूनी प्रक्रिया की अवहेलना करते हुए गोपाल प्रसाद को हथकड़ी लगाकर बोकारो ले आई।

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इस मामले के सामने आने के बाद गोपाल प्रसाद ने बिहार पुलिस के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस की इस लापरवाही और गैर-कानूनी तरीके से गिरफ्तारी को लेकर सवाल उठ रहे हैं। प्रशासन और न्यायपालिका अब इस मामले की गहन जांच कर सकती है।

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