Bulletin India, Correspondent.
आद्रा। दक्षिण पूर्व रेलवे, आद्रा मंडल के विभिन्न स्टेशनों (टमना, छर्रा, कुस्तौर, पुरूलिया, कांटाडीह, अनारा, उर्मा, बगालिया, बाराभूम, चांडिल, आद्रा, गौरीनाथधाम, कोटशिला, पुण्दाग, राधागांव, संतालडीह, रुकनी, सिरजाम, इंद्राबिल, गोदापियासल, सलबोनी एवं चंद्रकोणा रोड) पर आदिवासी कुड़मी समाज द्वारा दिनांक 20 सितम्बर 2025 को रेल सेवाओं को अवरुद्ध करने सम्बंधित ज्ञापन प्राप्त हुआ है। रेलवे प्रशासन यह स्पष्ट करता है कि इस प्रकार की गतिविधियाँ पूर्णतः अवैध एवं असंवैधानिक हैं तथा इनके विरुद्ध आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
माननीय उच्च न्यायालय, कलकत्ता द्वारा WPA (P) 503 of 2023 (Purulia Chamber of Trade & Industry vs. State of Bengal & Ors.) एवं WPA (P) 510 of 2023 में दिनांक 19.09.2023 को दिए गए निर्णयों में यह व्यवस्था दी गई है कि सार्वजनिक मार्गों का अवरोध असंवैधानिक है। इसी प्रकार, माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने भी Amit Sahni vs. Commissioner of Police [(2020) 10 SCC 439] सहित अपने अन्य आदेशों में यह स्पष्ट किया है कि सार्वजनिक मार्गों एवं आवश्यक जनसेवाओं, जैसे रेल सेवाओं, को किसी आंदोलन अथवा प्रदर्शन के लिए अवरुद्ध नहीं किया जा सकता।
रेलवे प्रशासन यह भी स्पष्ट करना चाहता है कि इस प्रकार की गतिविधियाँ न केवल कानून के प्रतिकूल हैं, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा, सुविधा एवं रेलवे के सुचारू संचालन पर गंभीर प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं। रेल सेवाएँ आम जनता की जीवनरेखा हैं। किसी भी प्रकार का अवरोध न केवल गाड़ियों के संचालन में बाधा उत्पन्न करेगा, बल्कि आपातकालीन सेवाओं को भी प्रभावित करेगा। इसके अतिरिक्त, इससे रेलवे को राजस्व की हानि एवं परिसंपत्तियों की सुरक्षा पर संकट उत्पन्न होगा।

अतः दक्षिण पूर्व रेलवे, आद्रा मंडल आम जनता, सामाजिक संस्थाओं एवं सभी संगठनों से अपील करता है कि वे माननीय न्यायालयों के आदेशों का सम्मान करें तथा यात्रियों की सुरक्षित, सुविधाजनक एवं निरंतर यात्रा सुनिश्चित करने में रेलवे प्रशासन को पूर्ण सहयोग प्रदान करें।