• पलिहारी गुरूडीह पंचायत भवन में हुई बैठक, विस्थापितों ने मुआवजा भुगतान में देरी पर जताई नाराज़गी।
बुलेटिन इंडिया।
विशेष संवाददाता जेएम रंगीला की रिपोर्ट।
गोमिया (बोकारो)। गोमिया में प्रस्तावित रेल ओवरब्रिज के निर्माण और इससे प्रभावित विस्थापितों के मुआवजा भुगतान को लेकर रविवार को पलिहारी गुरूडीह पंचायत भवन में विस्थापित संघर्ष समिति, गोमिया की एक महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष विनय महतो ने की।
अध्यक्ष विनय महतो ने कहा कि गोमिया में रेल ओवरब्रिज का निर्माण न केवल प्राथमिकता है, बल्कि यह क्षेत्रवासियों का वर्षों पुराना सपना भी है। उन्होंने कहा कि यह परियोजना जनहित से जुड़ी है, लेकिन इससे प्रभावित रैयतों को उचित मुआवजा दिए बिना किसी भी तरह का निर्माण कार्य आगे बढ़ाया जाना उचित नहीं होगा।
बैठक में समिति के सचिव राकेश कुमार ने ओवरब्रिज निर्माण और मुआवजा भुगतान से संबंधित विस्तृत रिपोर्ट पेश की। उन्होंने बताया कि ओवरब्रिज निर्माण कार्य प्रगति पर है, लेकिन अब तक अधिग्रहित भूमि के बदले रैयतों को मुआवजा नहीं मिला है, जिससे विस्थापितों में भारी रोष व्याप्त है। राकेश कुमार ने कहा कि रैयतों का अधिकार उनके जमीन पर है और जब तक मुआवजा प्रक्रिया पूरी नहीं होती, तब तक भूमि पर किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य करना गैरकानूनी है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि विस्थापित अपने हक के लिए एकजुट हैं और जरूरत पड़ी तो आंदोलन का रास्ता भी अपनाया जाएगा। समिति ने सरकार और संबंधित विभागों से अविलंब मुआवजा भुगतान की प्रक्रिया पूरी करने की मांग की।
बैठक में मुकेश कुमार, मनोज स्वर्णकार, सूरज कुमार, चमन प्रजापति, रोशन सोनी, अरविंद कुमार, आदित्य स्वर्णकार, अजय कुमार, सुनील कुमार, अर्जुन साव, संजय पासवान, रामचंद्र यादव, किशोर कुमार, मनोज साव, तेजो साव, संजय कुमार वर्मा, नंदलाल पंसारी, गोपी पंसारी, महेश चौधरी, राहुल कुमार, नवल किशोर साहू, मनोज अग्रवाल, रोहित अग्रवाल, सीताराम नायक समेत दर्जनों विस्थापित उपस्थित थे।
विस्थापितों ने एक स्वर में यह मांग की कि गोमिया में रेल ओवरब्रिज का निर्माण जल्द पूरा हो, लेकिन इसके साथ-साथ प्रभावित रैयतों को उनका हक यानी उचित मुआवजा तत्काल प्रदान किया जाए।