बुलेटिन इंडिया, डेस्क।
सत्या पॉल की कलम से ✒️
आज के दौर में सोशल मीडिया सिर्फ संवाद का माध्यम नहीं रहा, बल्कि यह लोगों के जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बन गया है। शिक्षा, व्यापार, करियर और समाज सेवा में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को नकारा नहीं जा सकता। बिहार के “खान सर” जैसे कई लोगों ने इसी मंच का सकारात्मक उपयोग कर समाज को नई दिशा दी है। लेकिन, सिक्के का दूसरा पहलू यह भी है कि कुछ लोग इसे प्रेम, दोस्ती और ठगी का अड्डा बना चुके हैं। सोशल मीडिया के नाम पर ठगी करने वाले ऐसे लोग भोले-भाले युवाओं को जाल में फंसाकर उन्हें आर्थिक और मानसिक रूप से बर्बाद कर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर प्यार या ठगी?
एक समय था जब प्रेम विश्वास और समर्पण की बुनियाद पर टिका होता था, लेकिन अब यह अक्सर धोखाधड़ी का जरिया बन गया है। सोशल मीडिया के माध्यम से दोस्ती करना और फिर धीरे-धीरे विश्वास जीतकर आर्थिक शोषण करना एक नया अपराध बनकर उभर रहा है। कोडरमा जिले के तिलैया थाना क्षेत्र से सामने आया एक मामला इसका ज्वलंत उदाहरण है।
पप्पू कुमार साव नामक युवक की दोस्ती सोशल मीडिया के जरिए एक युवती से हुई। प्रारंभ में दोनों के बीच सामान्य बातचीत होती रही, जो धीरे-धीरे प्रेम संबंध में बदल गई। पप्पू को इस रिश्ते पर पूरा भरोसा था, लेकिन उसे यह नहीं पता था कि वह एक बड़े षड्यंत्र का शिकार हो रहा है। युवती ने भावनात्मक रूप से उसे अपने प्रभाव में लिया और धीरे-धीरे उससे पैसे मांगने लगी। प्रेम के नाम पर युवक ने अपनी मेहनत की कमाई युवती के हवाले कर दी, लेकिन उसे इस विश्वासघात का तब एहसास हुआ जब वह करीब एक लाख रुपये की ठगी का शिकार हो चुका था।
ब्लैकमेलिंग और मानसिक उत्पीड़न
यह मामला यहीं समाप्त नहीं हुआ। युवती ने अपने एक सहयोगी युवक को भी इस साजिश में शामिल कर लिया, जिसने पप्पू को ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। ब्लैकमेलिंग के तहत युवक से एक महंगा मोबाइल फोन भी ऐंठ लिया गया। जब तक पप्पू को सच्चाई समझ में आई, तब तक वह मानसिक, आर्थिक और सामाजिक रूप से काफी हद तक बर्बाद हो चुका था।
समाज के लिए चेतावनी
यह घटना हमें एक महत्वपूर्ण संदेश देती है कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते समय सतर्कता आवश्यक है। प्रेम और रिश्तों का आधार विश्वास होता है, लेकिन जब यह संबंध सोशल मीडिया तक सीमित हो और इसकी बुनियाद केवल आभासी बातचीत पर टिकी हो, तो खतरे की आशंका बनी रहती है।
युवाओं को इस तरह की ठगी से बचने के लिए जागरूक रहना होगा। किसी अनजान व्यक्ति को अपनी निजी जानकारी साझा करना या भावनात्मक रूप से उसके प्रभाव में आकर आर्थिक सहायता देना समझदारी नहीं है। यदि कोई इस प्रकार की ठगी का शिकार होता है, तो उसे तुरंत कानून की सहायता लेनी चाहिए।
“सोशल मीडिया एक शक्तिशाली साधन है, लेकिन इसका सही और सुरक्षित उपयोग करना हमारी जिम्मेदारी है। प्यार और दोस्ती के नाम पर ठगी करने वालों से सावधान रहना जरूरी है। यदि हम सतर्क रहेंगे और जागरूकता फैलाएंगे, तो इस प्रकार के अपराधों पर लगाम लगाई जा सकती है। सोशल मीडिया को एक सकारात्मक मंच के रूप में इस्तेमाल करें, न कि भावनात्मक और आर्थिक धोखाधड़ी का माध्यम बनने दें।”