• भाकपा माले ने जारी किया बिरहोरडेरा नक्सली मुठभेड़ की फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट
बुलेटिन इंडिया।
बोकारो। भाकपा माले और आदिवासी संघर्ष मोर्चा के नेताओं की फैक्ट फाइंडिंग टीम गोमिया प्रखंड के बिरहोरडेरा नक्सली मुठभेड़ की सच्चाई जानने बिरहोरडेरा गांव पहुंचा। जहां मुठभेड़ में मारे गए नक्सली कुंवर मांझी के परिजनों और दर्जनों ग्रामीणों से मिलकर घटना की सच्चाई जाना। नक्सली कुंवर मांझी की पत्नी सुशांति सोरेन मां बड़की देवी ने बताया कि कुंवर नक्सली गतिविधियों से दूर रहकर आम आदमी की तरह जीना चाहता था।

घटना की रात भी घर से निकलने के पहले भी अपनी पत्नी से कहा था कि हम दो दिनों के भीतर सरेंडर करेगें। ये बात किसी को नहीं बताने है। यह कहकर घर से निकला और सुबह 9 बजे उनके गोली लगने की सूचना मिली। उनके सरेंडर करने की भनक नक्सली कुँवर मांझी के भी करीबियों को थी। यही कारण है कि उनके घर में आने की गुप्त सूचना पुलिस को दी गई। कुंवर अगर जिंदा रहकर सरेंडर करता तो कुछ और भी बड़ा खुलासा होता जिसका उन्हें मौका नहीं मिला।
उनकी मां ने भी कुंवर से कहा था कि इस तरह घर परिवार को छोड़ के बाहर रहना ठीक नहीं है कुंवार ने अपनी मां से भी कहा था कि हम जल्दी सरेंडर करेंगे सब कुछ ठीक हो जाएगा चिंता करने की जरूरत नहीं है। उनके छोटे भाई कामेश्वर सोरेन कहा कि वह कम समय के लिए घर आता था हालचाल पूछने के बाद चला जाता था। नक्सली कुंवर मांझी के घर में आने बाद घर से निकलते ही मुठभेड़ के समय में बड़ी संख्या में जवानों की तैनाती पूर्व नियोजित घटना का संकेत है।
16 जुलाई की सुबह 3 घंटे तक ताबड़तोड़ फायरिंग, दो तरफा नहीं एक तरफा था। एक हथियार से इतने देर तक मुकाबला संभव नहीं था ।ऑपरेशन में शामिल जवान चाहते तो उन्हें जिंदा पकड़कर और भी ठिकाने और रहस्यों के खुलासे हो सकते थे।

दर्जनों ग्रामीणों ने पूछताछ के दौरान फैक्ट फाइंडिंग टीम से ही उल्टा सवाल किया कि नक्सली तो और भी जाति समाज से हैं पर आदिवासी हीं क्यों मारे जाते हैं? ग्रामीणों ने ये बताया कि हाल के कई वर्षों से कुंवर मांझी नक्सली गतिविधि से दूर रहने की कोशिश में था जिसके कारण हीं इस क्षेत्र में कोई नक्सली घटना नहीं हुआ है।
इस इलाके में केन्द्र सरकार प्रायोजित डीवीसी द्वारा हाइडल पावर प्रॉजेक्ट (पनबिजली) के लिए सर्वे किया गया है जिसमें बिरहोर डेरा गांव भी शामिल है। कोयला और अभ्रक का भी अकूत भंडार है कहीं ना कहीं इसके खनन के रास्ते को सुगम बनाने के लिए पहले से इस तरह के मुठभेड़ कर क्षेत्र को आतंकित किया जा रहा है।
एक निर्दोष ग्रामीण भी मारे जाने की बात बताया गया। ग्रामीणों ने कहा अभी करिल खुखड़ी चुनने लोग बाहर से आते हैं और इस मुठभेड़ में मारे गए हैं। फैक्ट फाइंडिंग टीम ने झारखंड सरकार को पत्र लिख कर घटना की न्यायिक जांच करने और निर्देश व्यक्ति को उचित मुआवजा की मांग करेगी।
जांच दल ने पाया कि कुंवर टूटा हुआ प्लास्टिक से छारा हुआ घर में रहता था। लूटपाट में शामिल होता तो बढ़िया घर बनाया होता। अभी इसी साल एक पीएम हाउस मिला है जो अधूरा है।
भाजपा माले की फैक्ट फाइंडिंग टीम में आदिवासी संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष देवकीनंदन विद्या, माले जिला सचिव देव सिंह दिवाकर, मजदूर नेता विकास कुमार सिंह, राज्य कमिटी सदस्य भुवनेश्वर केवट, गोमिया प्रखंड सचिव सुरेन्द्र यादव, अल्का मिश्रा, आदिवासी मोर्चा के नेता लाली बेदिया, जगलाल सोरेन, भीम रजक, एस डी प्रसाद, राजेश किस्कू आदि मुख्य रूप से शामिल थे।