बेंगलुरु। भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है। बेंगलुरु स्थित स्पेस स्टार्टअप कंपनी Pixxel ने बुधवार को देश का पहला प्राइवेट इमेजिंग सैटेलाइट कॉन्स्टेलेशन, जिसे ‘फायरफ्लाई’ नाम दिया गया है, सफलतापूर्वक लॉन्च किया। इस मिशन के तहत तीन सैटेलाइट अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित वैंडेनबर्ग स्पेस फोर्स बेस से एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के Falcon-9 रॉकेट के जरिए पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किए गए। Pixxel की स्थापना 2019 में अवैस अहमद और क्षितिज खंडेलवाल ने की थी, जो उस समय बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस, पिलानी में पढ़ाई कर रहे थे। इस स्टार्टअप को गूगल और एक्सेंचर का समर्थन प्राप्त है। Pixxel के फायरफ्लाई सैटेलाइट्स 550 किलोमीटर की ऊंचाई पर पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किए गए हैं, जहां ये सटीक हाइपरस्पेक्ट्रल इमेजिंग के माध्यम से पृथ्वी के पर्यावरण और संसाधनों की निगरानी करेंगे।
पूर्व ISRO प्रमुख ने दी शुभकामनाएं
इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) के पूर्व प्रमुख डॉ. सोमनाथ ने Pixxel को बधाई देते हुए कहा, “यह हाइपरस्पेक्ट्रल इमेजिंग क्षमता भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में एक बड़ा वरदान साबित होगी।”
हाइपरस्पेक्ट्रल इमेजिंग में नई ऊंचाई
Pixxel के अनुसार, उनके सैटेलाइट्स को धरती और जलवायु से संबंधित महत्वपूर्ण आंकड़े एकत्र करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। ये सैटेलाइट एडवांस्ड स्पेक्ट्रल क्षमताओं, रियल-टाइम डेटा कलेक्शन और वाइड रेंज एप्लिकेशन से लैस हैं, जो संसाधनों की निगरानी और सुरक्षा के नए मानक स्थापित करेंगे।
भारतीय अंतरिक्ष संघ ने की सराहना
भारतीय अंतरिक्ष संघ (ISF) के जनरल डायरेक्टर लेफ्टिनेंट जनरल अनिल भट (रिटायर्ड) ने Pixxel की सफलता को भारतीय अंतरिक्ष उद्योग के लिए मील का पत्थर करार दिया। उन्होंने कहा, “हाइपरस्पेक्ट्रल इमेजिंग सैटेलाइट्स रक्षा और अन्य क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव लाने की क्षमता रखते हैं।”
Pixxel की उपलब्धियों का सफर
Pixxel ने अप्रैल 2022 में अपने अंतरिक्ष अभियान की शुरुआत की थी। यह कंपनी भारतीय प्राइवेट स्पेस इकोसिस्टम को नई पहचान दिला रही है और इस बात का प्रमाण है कि भारतीय कंपनियां भी वैश्विक प्रतिस्पर्धा में शीर्ष तकनीकों का विकास कर सकती हैं।