बुलेटिन इंडिया, डेस्क।
बोकारो जिला में हाल के दिनों में चोरी की घटनाओं में भारी वृद्धि हुई है, जिससे स्थानीय जनता में जबरदस्त आक्रोश है। अपराधियों का मनोबल इस कदर बढ़ गया है कि वे बिना किसी डर के चोरी की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। वहीं दूसरी ओर, पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। जनता का विश्वास कानून-व्यवस्था की सुरक्षा में डगमगाने लगा है, और यह स्थिति जिला के समग्र विकास और सामाजिक स्थिरता के लिए खतरे का संकेत दे रही है।
पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता का आलम यह है कि कई मामलों में पुलिस केवल बयानबाजी तक ही सीमित रह गई है। चोरी की घटनाओं में संलिप्त संदिग्ध पुलिस की हिरासत से भी फरार हो जा रहे हैं, जिससे पुलिस की सतर्कता और सक्रियता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। जनता का आरोप है कि पुलिस विभाग में सख्त कार्रवाई और अपराधियों के खिलाफ ठोस कदम उठाने की बजाय केवल बयान देकर जनता को संतुष्ट करने की कोशिश की जा रही है।
बताते चलें कि बेरमो अनुमंडल में बीते 10 दिनों के भीतर लगभग एक दर्जन चोरी की घटनाएं घट चुकी है। इनमें कुछ बड़ी चोरी की घटना भी शामिल है। पुलिस अपना कोरम पूरा करने के लिए जांच व छानबीन की माला जप रही है। गश्ती के नाम पर पुलिस हर महीने लाख खर्च कर रही है। लेकिन ऐ गश्ती होती कहां है ये उपर वाला हीं जाने।
इस प्रकार की घटनाएं न केवल जनता के बीच भय का वातावरण उत्पन्न कर रही हैं, बल्कि पुलिस की विश्वसनीयता पर भी गंभीर प्रभाव डाल रही हैं। बोकारो जैसे महत्वपूर्ण जिले में चोरी की घटनाओं का बढ़ना यह दर्शाता है कि स्थानीय पुलिस प्रशासन को अपराध नियंत्रण के मामले में पुनः संगठित होने की आवश्यकता है।
जनता को विश्वास में लेकर, पुलिस को अपनी कार्यशैली में सुधार लाने की जरूरत है। इसके लिए उन्हें अपराधियों के खिलाफ त्वरित और कठोर कार्रवाई करनी होगी। केवल बयानबाजी से जनता को शांत नहीं किया जा सकता; जनता को सुरक्षा और न्याय का भरोसा दिलाना अत्यंत आवश्यक है। स्थानीय प्रशासन को इस मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए और कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। जब तक पुलिस अपनी जिम्मेदारियों को पूरी सख्ती और सतर्कता से नहीं निभाएगी, तब तक अपराधियों का मनोबल बढ़ता रहेगा, और बोकारो जिला में चोरी की घटनाएं थमने का नाम नहीं लेंगी।