• बिरसा चौक पर भगवान बिरसा मुंडा समिति ने किया कार्यक्रम का आयोजन।
बुलेटिन इंडिया।
बोकारो। धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 125वीं पुण्यतिथि के अवसर पर सोमवार को भगवान बिरसा मुंडा समिति की ओर से बिरसा चौक पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष योगो पूर्ती ने की, जबकि संचालन संजय गहराई एवं राम दयाल सिंह ने किया।
इस अवसर पर पारंपरिक आदिवासी रीति-रिवाज के अनुसार पूजा-अर्चना की गई और सभी उपस्थित सदस्यों ने बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। वक्ताओं ने धरती आबा बिरसा मुंडा के बलिदान और उनके विचारों को याद करते हुए कहा कि उन्होंने न केवल ब्रिटिश सत्ता के खिलाफ क्रांति का बिगुल फूंका, बल्कि जल, जंगल और जमीन के अधिकार के लिए आदिवासी समाज को एकजुट किया।
समिति के वक्ताओं ने कहा कि “अबुआ दिशोम रे अबुआ राज” (हमारा देश, हमारा शासन) का नारा देकर बिरसा मुंडा ने शोषण के खिलाफ जनक्रांति ‘उलगुलान’ का आह्वान किया था। उनके इसी संघर्ष के कारण छोटानागपुर क्षेत्र में सीएनटी एक्ट 1908, संताल परगना में एसपीटी एक्ट 1949 तथा कोल्हान क्षेत्र में विलकिंस रूल 1837 जैसे कानून अस्तित्व में आए, जो आज भी आदिवासी समुदाय के हक और अस्तित्व की रक्षा करते हैं।
वक्ताओं ने यह भी कहा कि वर्तमान दौर में बिरसा मुंडा के सपनों के झारखंड को साकार करने के लिए एक बार फिर जनसंगठन और जनचेतना के साथ हूल और उलगुलान की भावना को जीवंत करने की आवश्यकता है, क्योंकि आज भी जल-जंगल-जमीन पर अधिकार के सवाल ज्यों के त्यों हैं।

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से संजू समानता, अधिवक्ता रंजित गिरी, मनोज हेंब्रम, रूपलाल मांझी, हालदार महतो, देवला टुडू, चंद्रकांत पुर्ती, भोला मुंडा, आकाश समद, संजय कुमार, झरीलाल पात्रा, संतोष कुमार सहित बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग उपस्थित थे।
कार्यक्रम का समापन धरती आबा के आदर्शों पर चलने की शपथ के साथ किया गया।