“अबुआ आवास योजना के लाभुकों से अवैध वसूली के मामले में हजारीबाग डीसी ने मुखिया का पावर किया सीज, पंचायत सचिव पर भी गिरी गाज”
संवाददाता, हजारीबाग।
अबुआ आवास योजना के तहत लाभुकों से अवैध वसूली के मामले में हजारीबाग जिले के DC नैंसी सहाय ने सख्त कदम उठाते हुए संबंधित पंचायत के मुखिया के पावर को seized कर दिया है और पंचायत सचिव को भी तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई जिले में स्वच्छ प्रशासन और भ्रष्टाचार के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति के तहत की गई है।
अबुआ आवास योजना के तहत गरीब और वंचित वर्गों को आवास प्रदान करने की महत्वाकांक्षी योजना है। इस योजना का उद्देश्य उन लोगों को पक्का मकान उपलब्ध कराना है, जिनके पास खुद का घर नहीं है। लेकिन, हाल के दिनों में इस योजना के लाभुकों से अवैध वसूली की शिकायतें सामने आने लगीं।
शिकायतें मिलने के बाद हजारीबाग DC ने इस मामले की जांच के आदेश दिए। जांच में पता चला कि संबंधित पंचायत के मुखिया और पंचायत सचिव लाभुकों से पैसे की अवैध वसूली कर रहे थे। ये वसूली घरों के निर्माण के लिए दी जाने वाली सरकारी सहायता राशि में से की जा रही थी, जो कि पूरी तरह से गैरकानूनी है।
DC ने तुरंत इस मामले में कार्रवाई करते हुए पंचायत के मुखिया का पावर seized कर दिया। इसके साथ ही पंचायत सचिव को भी निलंबित कर दिया गया है। डीसी ने स्पष्ट किया कि भ्रष्टाचार और अवैध वसूली के मामलों में किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
DC ने अपने आदेश में कहा कि “अबुआ आवास योजना के तहत लाभुकों से अवैध वसूली एक गंभीर अपराध है। हम इस मामले में पूरी सख्ती से कार्रवाई करेंगे और दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा। पंचायत के मुखिया और सचिव द्वारा की गई इस हरकत ने योजना की गरिमा को ठेस पहुंचाई है और हम इसे सहन नहीं करेंगे।”
इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में काफी रोष है। लाभुकों का कहना है कि उन्होंने बड़ी उम्मीदों के साथ अबुआ आवास योजना के तहत आवेदन किया था, लेकिन अधिकारियों की इस हरकत ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। वे चाहते हैं कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
हजारीबाग DC ने इस मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम गठित की है जो पूरे मामले की गहन जांच करेगी और दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करेगी। उन्होंने लोगों से अपील की है कि अगर किसी के पास इस मामले से संबंधित कोई और जानकारी है तो वे उसे प्रशासन के साथ साझा करें ताकि मामले की पूरी सच्चाई सामने आ सके।
इस घटना ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि सरकारी योजनाओं का लाभ सही तरीके से पहुंचाने के लिए निगरानी और पारदर्शिता अत्यंत महत्वपूर्ण है। प्रशासन की यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ एक कड़ा संदेश है और उम्मीद की जाती है कि इससे अन्य पंचायतों में भी पारदर्शिता और स्वच्छता को बढ़ावा मिलेगा।