बुलेटिन इंडिया, संवाददाता।

बोकारो। इंडियन एसोसिएशन ऑफ लॉयर्स (IAL) ने देशभर के अधिवक्ताओं को उनकी ऐतिहासिक जीत पर बधाई दी है। अधिवक्ताओं के संगठित विरोध और एकजुटता के आगे केंद्र सरकार को झुकना पड़ा, जिसके परिणामस्वरूप अधिवक्ता संशोधन विधेयक, 2025 को बिना किसी शर्त के वापस लेना पड़ा।

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IAL के नेशनल काउंसिल मेंबर अधिवक्ता रणजीत गिरि ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह अधिवक्ताओं की स्वतंत्रता और न्याय प्रणाली की निष्पक्षता को बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा, “पूरे देश में अधिवक्ता संगठनों, विशेष रूप से इंडियन एसोसिएशन ऑफ लॉयर्स द्वारा किए गए संगठित आंदोलन और मजबूत विरोध के कारण सरकार को यह विधेयक वापस लेना पड़ा। यह अधिवक्ताओं की एकजुटता और उनके अधिकारों की रक्षा की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।”

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उन्होंने आगे कहा कि सरकार को भविष्य में ऐसे किसी भी कानून को लागू करने से पहले अधिवक्ता समुदाय से व्यापक परामर्श करना चाहिए। IAL ने इस संघर्ष में सहयोग देने वाले सभी अधिवक्ताओं, संगठनों और आम नागरिकों का आभार व्यक्त किया है, जिन्होंने न्याय हित में अपनी आवाज बुलंद की।

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जश्न का माहौल 

विधेयक की वापसी की घोषणा के बाद अधिवक्ताओं में उत्साह का माहौल देखा गया। इस अवसर पर अधिवक्ता अतुल कुमार, रंजन कुमार मिश्रा, संजय कुमार प्रसाद, दीपिका सिंह, अंकित ओझा, प्रेरणा पांडेय, अंजनी चौधरी, चंदन कुमार, राज श्री, सुमन वर्मा, संजीत कुमार सिंह, फटीक चंद्र सिंह, सुनील चांडक, मो. हसनैन आलम, वंशिका सहाय, रीना कुमारी, दीप्ति सिंह, विजय कुमार, ओम प्रकाश लाल, अखिलेश कुमार, विजयेता डेनियल, राणा प्रताप शर्मा, इंद्रनील चैटर्जी, रामावती कुमारी, महीतोष मंडल, अरूप चक्रवर्ती, पंकज बंसल, संदीप पूर्ति और रवि कुमार समेत सैकड़ों अधिवक्ताओं ने जश्न मनाया।

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IAL की प्रतिबद्धता जारी

इंडियन एसोसिएशन ऑफ लॉयर्स ने आश्वस्त किया है कि वह आगे भी अधिवक्ताओं के अधिकारों और न्यायिक प्रणाली की मजबूती के लिए संघर्षरत रहेगा। संगठन ने अधिवक्ता समुदाय से अपील की कि वे एकजुट रहकर अपने अधिकारों की रक्षा के लिए सतर्क रहें।

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