बोकारो डेस्क।
बीएसएल अनाधिशासी कर्मचारी संघ (BAKS) की आम सभा रविवार को सेक्टर 2 कला केंद्र मे आयोजित किया गया। आमसभा में बीएसएल कर्मियों के साथ संवाद किया गया। कर्मचारियों ने यूनियन पदाधिकारियों को अपनी माँगो से अवगत कराया। तो वहीं यूनियन पदाधिकारियों ने मांगो को पूरा कराने के लिए रोडमैप प्रस्तुत किया।
आम सभा में यूनियन द्वारा पारित प्रस्ताव :-
1 . एनजेसीएस में केवल निर्वाचित यूनियन नेताओं को हीं सदस्य बनवाने तथा एनजेसीएस में सुधार के लिए कोर्ट केस लड़ना।
2 . बोकारो इस्पात संयंत्र में Recognised यूनियन का चुनाव करवाकर कमेटी काउंसिल का गठन करवाना।
3 . 15% एमजीबी तथा 35 % पर्क्स का साथ वेज रीविजन का MOA जल्द कराना।
4 . 39 माह का फिटमेंट एरियर, 58 माह का पर्क्स एरियर का भुगतान करवाना।
5 . नन स्टैचुअरी बेनिफिट को लागू करवाना तथा बाकि महारत्ना कंपनियों के तर्ज पर नई सुविधाओं को शुरू करवाना।
6 . ग्रेड वाईज तथा कलस्टर वाईज पदनाम, शैक्षणिक योग्यता के अनुसार लागू करवाना।
7 . क्लब, BGH, नगर सेवा, कैंटीन, कार्यस्थल पर सुरक्षा को सुदृढ़ करवाना।
8 . जूनियर अधिकारी पदोन्नती पॉलिसी को बदलवाना तथा 2022 व 2024 परीक्षा के लिए न्यायालय मे मुकदमा दायर करना।
9 . स्थानांतरित कर्मचारियों की बोकारो इस्पात संयंत्र मे पुनः वापसी करवाना।
10 . पदोन्नती नीति में बदलाव करवाना। आश्रित कर्मचारियों का जन्म तिथि को मैट्रिक प्रमाणपत्र का आधार पर लागू करवाना तथा बाकि बचे कर्मचारियों का प्रशिक्षण अवधि को सेवा काल में जुड़वाना।
कार्यक्रम की अध्यक्षता अध्यक्ष हरिओम कुमार व संचालन महासचिव दिलीप कुमार ने किया। विशेष सम्मानित अतिथि के रुप में बोकारो माईंस में स्थानांतरित किए गए राकेश गिरि तथा भावेश चंद्र सिंह ने अपने विचारों से कर्मचारियों को अवगत कराया ।
किसने क्या कहा
हरिओम (अध्यक्ष) :- कार्यक्रम में पहुंचे हजारों कर्मचारियों को बहुत बहुत साधुवाद । हम अपने मांगो को पूरा कराने के लिए दृढ़ संकल्पित है। इसके लिए हमारी यूनियन को कितना भी केस लड़ना पड़े, हम उसके लिए तैयार है।
दिलीप कुमार (महासचिव) :- अब अधिकारियों के लिए पूरा खजाना तथा कर्मचारियों के लिए खाली खजाना की नीति नही चलेगी। BSL के नियमित कर्मचारियों ने जिस तरह आज अपना शक्ति प्रदर्शन किया है उससे साफ है कि शीघ्र हीं बदलाव होगा।
बीके मिश्रा (कोषाध्यक्ष) :- कर्मचारी एकजुट हो जाए तथा यूनियन को आर्थिक मदद करें तो यूनियन हर मुद्दे जैसे वेज रीविजन, पदनाम, डीग्रेडेशन, जूनियर अधिकारी पदोन्नति का मामला हो या यूनियन चुनाव का, सभी के लिए यूनियन न्यायालय का दरवाजा खटखटायेगी।
राकेश कुमार गिरि :- हमने सिर्फ 15% एमजीबी और 35% पर्क्स मांगा था। बदले में हमें स्थानांतरण और निलंबन दिया गया। अब तानाशाही नहीं चलेगी।
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