बुलेटिन इंडिया, संवाददाता।
बोकारो। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुपालन की दिशा में किए जा रहे अनुकरणीय प्रयासों के लिए दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) बोकारो को सेवेन स्टार रैंकिंग अवार्ड से नवाजा गया है। नई दिल्ली में सीईडी (सेंटर फॉर एजुकेशनल डेवलपमेंट) इंडिया इनिशिएटिव की ओर से स्कूल लीडर कांफ्रेंस के तहत स्टार रैंकिंग अवार्ड समारोह के दौरान विद्यालय को यह गरिमामयी उपलब्धि मिली। विद्यालय की ओर से उपप्राचार्य अंजनी भूषण ने कुमारमंगलम विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. डॉ. दिनेश सिंह, एनसीईआरटी (राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान परिषद) के संयुक्त निदेशक डॉ. श्रीधर श्रीवास्तव एवं सीबीएसई के उप सचिव (कौशल शिक्षा) सतीश पहल सहित अन्य शीर्ष शिक्षाविदों की उपस्थिति में यह सम्मान ग्रहण किया। देशभर से 1000 से अधिक प्रविष्टियों में 140 उक्त अवार्ड के लिए चुने गए। इनमें एनईपी कैटेगरी में डीपीएस बोकारो सेवन स्टार रैकिंग पानेवाला एकमात्र स्कूल रहा।
नई दिल्ली से पुरस्कार प्राप्त कर लौटने के उपरांत मंगलवार को विद्यालय में आयोजित विशेष एसेंबली के दौरान उप प्राचार्य अंजनी भूषण ने उपप्राचार्या मनीषा शर्मा एवं शालिनी शर्मा के साथ प्राचार्य डॉ. ए. एस. गंगवार को यह अवार्ड सुपुर्द किया। इस दौरान पूरा वातावरण तालियों की गड़गड़ाहट से गुंजरित हो उठा। प्राचार्य डॉ. गंगवार ने विद्यार्थियों, उनके अभिभावकों एवं शिक्षकों सहित विद्यालय परिवार के सभी सदस्यों को यह पुरस्कार समर्पित करते हुए बधाई दी। उन्होंने कहा कि ऐसी उपलब्धियां हमें और कड़ी मेहनत के साथ काम करने की प्रेरणा देती हैं। उन्होंने आशा जताई कि सभी के सहयोग से विद्यालय आगे और भी ऐसे नए आयाम व कीर्तिमान स्थापित करता रहेगा।
प्राचार्य डॉ. गंगवार ने बताया कि डीपीएस बोकारो नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप अधिक से अधिक बच्चों को गुणवत्तापूर्ण और विकास-उन्मुख शिक्षा प्रदान करने तथा उनके समग्र उत्थान के प्रति पूरी तरह से कटिबद्ध है। इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए हमने अपनी बुनियादी अवसंरचना को सुदृढ़ किया है और इस शैक्षणिक सत्र से ह्यूमैनिटीज (मानविकी) संकाय की शुरुआत की है। साथ ही, छात्रों को विविध नवीन संसाधनों के माध्यम से अनुभवात्मक शिक्षा के अवसर प्रदान किए जाते हैं। वर्चुअल रियलिटी, कॉमर्स लैब, एयरो लैब और रोबोटिक्स लैब जैसी सुविधाएं विद्यार्थियों को कक्षा में पढ़ाए गए सिद्धांतों को देखने, समझने और व्यावहारिक रूप से लागू करने में सक्षम बनाती हैं। शैक्षणिक भ्रमण उनके दृष्टिकोण को और विस्तारित करते हैं। विभिन्न व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम भी संचालित किए जाते हैं, ताकि हमारी नई पीढ़ी को अधिकाधिक स्वरोजगारोन्मुखी अवसर भी दिए जा सकें।