- उपायुक्त ने निजी क्लिनिकों में सेवा देने वाले चिकित्सकों पर लगाया लगाम।
- एक चिकित्सक अधिकतम दो क्लिनिकों में कर सकते हैं प्रैक्टिस।
- नियमित अल्ट्रासाउण्ड क्लिनिकों का करें औचक निरीक्षण, फार्म – एफ की स्क्रूटनी कर संबंधित क्लीनिकों को भेजें नोटिस।
- सिविल सर्जन कार्यालय में पदस्थापित प्रधान सहायक का कार्य में लापरवाही को लेकर वेतन स्थगित का दिया निर्देश।
- पीसीपीएनडीटी एक्ट का अक्षरशः अनुपालन नहीं करने वाले क्लिनिकों पर की जाएगी सख्त कार्रवाई।
बोकारो, डेस्क।
समाहरणालय स्थित कार्यालय कक्ष में बुधवार को उपायुक्त विजया जाधव ने पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (PCPNDT) एक्ट अंतर्गत जिला सलाहकार समिति की बैठक की। मौके पर उप विकास आयुक्त गिरजा शंकर प्रसाद, सिविल सर्जन डाॅ एबी प्रसाद, सदर अस्पताल उपाधीक्षक डाॅ अरविंद कुमार, नोडल पदाधिकारी शक्ति कुमार, कार्यपालक दंडाधिकारी कुमार कनिष्क, स्त्री रोग विशेषज्ञ डाॅ सेलिना टुडू, डाॅ एनपी सिंह, जिला डाटा प्रबंधक कंचन कुमारी समेत गैर सरकारी संस्था के प्रतिनिधि आदि उपस्थित थे।
बैठक में उपायुक्त सह समिति अध्यक्ष विजया जाधव ने क्रमवार विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने जिले में अल्ट्रासाउंड क्लिनिक के निबंधन/नवीकरण के लिए प्राप्त आवेदनों की जानकारी ली। इस क्रम में नोडल पदाधिकारी PCPNDT ने बताया कि समीक्षा के लिए 69 फार्म बी, निबंधन के लिए कुल 04 आवेदन, जबकि नवीकरण के लिए 04 आवेदन एवं स्थल परिवर्तन के लिए एक आवेदन प्राप्त हुआ है। वहीं, उपायुक्त ने वैसे क्लिनिकों की सूची तैयार करने को कहा, जिनका नवीकरण तिथि समीप है, उन सभी को नोटिस देने के साथ टीम को औचक जांच क्रमवार सभी क्लीनिकों को करने का निर्देश दिया।
समीक्षा क्रम में उपायुक्त ने अल्ट्रासाउण्ड क्लीनिक से प्राप्त फार्म- एफ का स्क्रूटनी करने, जांच के क्रम में त्रुटि/कमी मिलने पर संबंधित क्लिनिक को नोटिस करने का निर्देश दिया। सुनिश्चित करें की फार्म में सभी जानकारी स्पष्ट रूप से उल्लेखित हो। उन्होंने कहा कि एक चिकित्सक किसी दो क्लिनिक में ही प्रैक्टिस कर सकते हैं, इसे टीम को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। वहीं, दोनों क्लिनिक के बीच की दूरी 08 -10 किमी ही हो। साथ हीं, उन्होंने जिले में संचालित सभी क्लिनिक संचालकों को PCPNDT एक्ट के तहत वर्णित सभी नियमों का अक्षरशः अनुपालन करने को कहा, नहीं तो जांच के क्रम में एक्ट का उल्लंघन पाएं जाने पर क्लिनिक संचालकों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उपायुक्त ने PCPNDT मद में उपलब्ध राशि का इस्तेमाल जागरूकता, सील सामग्रियों को सुरक्षित रखने के लिए मालखाना को व्यवस्थित करने में खर्च करने को कहा। नोडल पदाधिकारी को जिले के सभी प्रखंडों में इस बाबत कार्यशाला आयोजित करने, इसकी शुरूआत चास एवं चंदनकियारी प्रखंड से करने को कहा। कार्यशाला में स्वास्थ्य सहिया, सेविका – सहायिका, JSLPS की महिला समूह के सदस्यों आदि को शामिल करने का निर्देश दिया। IC सामग्री तैयार कर सभी कार्यालयों – स्वास्थ्य केंद्रों में अधिष्ठापन का निर्देश दिया।
उपायुक्त ने कार्य में लापरवाही करने, नियमित बैठक का आयोजन नहीं करने, फार्म एफ की स्क्रूटनी नहीं करने, जिला समाज कल्याण को फार्म उपलब्ध नहीं कराने समेत अन्य कार्यों में दिलचस्पी नहीं लेने को लेकर सिविल सर्जन कार्यालय के प्रधान सहायक का वेतन अगले आदेश तक स्थगित करने का निर्देश दिया। वहीं, सिविल सर्जन को अल्ट्रासोनोग्राफी को लेकर निजी अल्ट्रासाउंड क्लिनिकों से MOU करने को लेकर अविलंब कार्रवाई करने को कहा। इसके अलावा कई अन्य बिंदुओं पर भी चर्चा कर जरूरी दिशा – निर्देश दिया।
मौके पर PCPNDT एक्ट के संबंध में कानूनी सलाहकार प्रियंका सिंघल ने विस्तार से समिति सदस्यों को अवगत कराया।