• आठवें वेतन आयोग में संशोधन, पेंशन बहाली और अंतरिम राहत सहित कई मांगें; 31 दिसंबर के बाद आंदोलित होने की चेतावनी

Bulletin India.

केंद्रीय कर्मचारी एवं अधिकारी परिसंघ ने केंद्र सरकार से मांग की है कि बढ़ती महंगाई के बीच कर्मचारियों को राहत प्रदान करने के लिए मौजूदा महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) को मूल वेतन में शामिल किया जाए। परिसंघ के अध्यक्ष डॉ. सहदेव राम ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर आठवें वेतन आयोग के टर्म्स ऑफ रिफरेंस (ToR) में व्यापक संशोधन की मांग की है।

 

भारत सरकार द्वारा 28 अक्टूबर को आठवें केंद्रीय वेतन आयोग का गठन किया गया था। इसके बाद 3 नवंबर को वित्त मंत्रालय द्वारा जारी गजट अधिसूचना में आयोग के कार्यक्षेत्र को स्पष्ट किया गया, जिसमें पेंशनर्स एवं फैमिली पेंशनर्स की पेंशन संरचना में बदलाव को आयोग के दायरे से बाहर रखा गया है। वहीं, 21 नवंबर को जारी एक अन्य गजट नोटिफिकेशन के जरिए केंद्र ने चार लेबर कोड को अधिसूचित कर दिया, जिसे कर्मचारी संगठनों और ट्रेड यूनियनों ने कड़ा विरोध किया है।

 

परिसंघ का कहना है कि मौजूदा महंगाई भत्ते की दरें वास्तविक खुदरा महंगाई के मुकाबले नाकाफी हैं। इसलिए डीए और डीआर को मूल वेतन में समाहित करना अत्यंत आवश्यक है। इसके साथ ही संगठन ने कई महत्वपूर्ण मांगें रखी हैं। जिनमें एक जनवरी 2026 से 20 प्रतिशत अंतरिम राहत कर्मचारियों एवं पेंशनर्स को दी जाए, नई पेंशन योजना (NPS) समाप्त कर पुरानी पेंशन प्रणाली (‌OPS) बहाल की जाए, कोविड महामारी के दौरान फ्रीज किए गए DA/DR की 18 माह की बकाया राशि का तत्काल भुगतान किया जाए, कम्युटेशन बहाली अवधि 15 वर्ष से घटाकर 11 वर्ष की जाए, अनुकंपा आधारित नियुक्ति में 5 प्रतिशत की सीमा समाप्त की जाए तथा मृतक कर्मचारी के आश्रितों को सभी मामलों में नियुक्ति मिले, सभी विभागों में रिक्त पदों पर तत्काल बहाली, आउटसोर्सिंग और ठेकेदारी प्रथा पर रोक लगाई जाए, ऑटोनॉमस बॉडीज के कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारियों के समान दर्जा दिया जाए तथा सर्विस एसोसिएशनों पर लागू Rules-151 (C) को समाप्त किया जाए जैसी मांगों को शामिल किया।

 

डॉ. सहदेव राम ने कहा कि बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी को देखते हुए सरकार को आठवें वेतन आयोग की सिफारिशें कर्मचारी हित में करनी चाहिए, ताकि करोड़ों परिवार आर्थिक संकट में न फंसें।

 

परिसंघ ने चेतावनी दी है कि यदि इन मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार नहीं किया गया, तो 31 दिसंबर के बाद आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी। साथ ही सभी कर्मचारी संगठनों से आंदोलन के लिए तैयार रहने की अपील की गई है।

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