Bulletin India, Correspondent.

बोकारो। भाकपा (माक्र्सवादी) ने लद्दाख में हुए पुलिस दमन को “क्रूर और अमानवीय” करार दिया है। बोकारो लोकल कमिटी सचिव राज कुमार गोरांई ने शनिवार को जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि केंद्र सरकार के अधीन केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन द्वारा लद्दाख की जनता पर किए गए बर्बर दमन की पार्टी तीखी निंदा करती है।

 

उन्होंने बताया कि इस कार्रवाई में चार लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। पिछले छह वर्षों से लद्दाख के लोग पूर्ण राज्य का दर्जा तथा संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किए जाने की मांग कर रहे हैं, जिससे उन्हें पूर्वोत्तर राज्यों की तरह संवैधानिक सुरक्षा और अधिकार प्राप्त हो सकें।

गोरांई ने आरोप लगाया कि भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने इन जायज़ मांगों को लगातार नज़रअंदाज़ किया है। तीन वर्षों से संवाद का रास्ता टाले जाने से निराश होकर लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) और अन्य संगठनों ने 15 दिनों तक शांतिपूर्ण भूख हड़ताल किया। लेकिन सरकार ने बातचीत के बजाय भूख हड़तालियों की ज़बरदस्ती गिरफ्तारी कराकर स्थिति को हिंसक बना दिया।

 

माकपा नेता ने कहा कि “शांतिप्रिय क्षेत्र में अशांति फैलाने के लिए सरकार खुद जिम्मेदार है, बावजूद इसके वह आंदोलनकारियों पर ही दोष मढ़ रही है।”

 

सीपीएम ने केंद्र सरकार से मांग की है कि वह सभी दमनकारी कदम तुरंत वापस ले, आंदोलन के नेताओं से सार्थक बातचीत करे तथा पुलिस कार्रवाई में मारे गए लोगों के परिवारों और घायलों को उचित मुआवज़ा दिया जाए। साथ ही, पर्यावरणविद् सोनम वांगचुक की तत्काल रिहाई की भी मांग की गई है।

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