बुलेटिन इंडिया, संवाददाता।
रांची। झारखंड सहित देशभर के आदिवासी क्षेत्रों में खनिज संसाधनों की लूट और मुठभेड़ों के नाम पर आदिवासियों के दमन के खिलाफ भाकपा-माले ने मंगलवार को राज्यव्यापी प्रतिवाद दिवस मनाया। राजधानी रांची में आयोजित प्रदर्शन में सैकड़ों की संख्या में पार्टी कार्यकर्ताओं और विभिन्न जनसंगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार की श्रमिक-विरोधी और कॉर्पोरेट-परस्त नीतियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उन्होंने आरोप लगाया कि झारखंड के खनिज संसाधनों को अडानी समूह सहित निजी कंपनियों को सौंपा जा रहा है, जिससे राज्य के मूल निवासियों के हितों को भारी नुकसान पहुंच रहा है।
कार्यकर्ताओं ने ‘खनिज हमारा है, अडानी का नहीं’ और ‘आदिवासियों की जमीन हड़पना बंद करो’ जैसे नारों के साथ केंद्र और राज्य सरकार पर हमला बोला। उनका कहना था कि केंद्र सरकार की नीतियाँ लगातार आदिवासियों को उनकी ज़मीन, रोज़गार और अधिकारों से वंचित कर रही हैं।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भाकपा-माले के नेताओं सुदामा खलखो, अभय साहू, मो. सोहेल अंसारी, नंदिता भट्टाचार्य, मो. नसीम, आरएन सिंह, विजय कुमार, निखिल कुमार और श्रष्टि भट्टाचार्य ने कहा कि झारखंड और छत्तीसगढ़ के आदिवासी इलाकों में खनिज संपदा की लूट और मुठभेड़ों के बहाने आदिवासियों का दमन अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने केंद्र व राज्य सरकार से मांग की कि आदिवासियों को उनके जल, जंगल और जमीन पर हक मिले तथा उनके खिलाफ होने वाली ज्यादतियों पर रोक लगाई जाए।
भाकपा-माले ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने अपनी नीतियों में बदलाव नहीं किया तो आंदोलन और तेज़ किया जाएगा।