संवाददाता, पटना।
बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने हिंडनबर्ग खुलासे और अडानी-सेबी महाघोटाले के विरोध में गांधी मैदान से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कार्यालय तक धरना-प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन का नेतृत्व बिहार कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह ने किया। उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शन राष्ट्रव्यापी अभियान का हिस्सा था, जो कांग्रेस पार्टी द्वारा लगातार उठाए जा रहे मुद्दों के समर्थन में आयोजित किया गया।
डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह ने आरोप लगाया कि अडानी समूह ने अकूत संपत्ति अर्जित की है और सेबी के चेयरमैन की भूमिका संदिग्ध रही है, जिन्हें लेटरल एंट्री के तहत नियुक्त किया गया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी अडानी के खिलाफ इस महाघोटाले पर चुप नहीं बैठेगी और देशभर में विरोध प्रदर्शन जारी रखेगी। उन्होंने यह भी कहा कि राहुल गांधी 2023 से शेल कंपनियों के 20 हजार करोड़ रुपये के घोटाले को उजागर करते रहे हैं, जिसमें अडानी के शेयरों की कीमतों में गिरावट के कारण आम जनता के करोड़ों रुपये डूब गए हैं।
प्रदर्शन के दौरान डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह ने मांग की कि सेबी के चेयरमैन को तत्काल अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए और ईडी को उनके खिलाफ भी जांच करनी चाहिए। उन्होंने इस मामले की संयुक्त संसदीय समिति (JPC) से जांच की भी मांग की। उनका कहना था कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट ने कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी के आरोपों को सही साबित कर दिया है और अब देश की संपत्ति का दुरुपयोग हो रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए, डॉ. सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बांड के मुद्दे पर मोदी सरकार के असली चेहरे को उजागर कर दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी मूकदर्शक बनकर नहीं बैठेगी और जनहित के मुद्दों पर अपनी लड़ाई जारी रखेगी।
धरना-प्रदर्शन के बाद, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने जिलाधिकारी के प्रतिनिधि एम एस खान को ज्ञापन सौंपा, जिसमें विशेष तौर पर दो मांगें रखी गईं: पहली, सेबी के चेयरमैन को तत्काल पद से हटाया जाए, और दूसरी, अडानी महाघोटाले की संयुक्त संसदीय समिति (JPC) द्वारा जांच की जाए।