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भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी का गुरुवार को निधन हो गया। जिससे भारतीय राजनीति में शोक की लहर दौड़ गई। देश के विभिन्न राजनेताओं और राजनीतिक दलों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया और उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। येचुरी के योगदान को याद करते हुए, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने गहरी संवेदना प्रकट की। उन्होंने कहा कि येचुरी एक विद्वान नेता थे जिन्होंने देश की राजनीति में वामपंथी विचारधारा को मजबूती दी।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया सहित अन्य प्रमुख नेताओं ने भी येचुरी के निधन पर दुख व्यक्त किया। नायडू ने कहा कि येचुरी का व्यक्तित्व और विचारधारा सदा प्रेरणादायक रहेगी। सिद्धारमैया ने उन्हें एक सच्चे नेता के रूप में याद किया, जो गरीब और वंचित वर्गों के अधिकारों के लिए जीवनभर संघर्ष करते रहे।
सीताराम येचुरी का राजनीतिक करियर लंबे समय तक प्रभावशाली रहा। वे मार्क्सवादी विचारधारा के प्रति सच्चे और समर्पित रहे, और वामपंथी राजनीति को भारतीय संसद में सशक्त रूप से प्रस्तुत किया। उनकी नेतृत्व क्षमता और राजनीतिक कौशल के चलते भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) को एक मजबूत पहचान मिली।
उनके निधन से भारतीय राजनीति में एक बड़ी क्षति हुई है। उनके समर्थक और राजनीतिक साथी उनके अद्वितीय योगदान और प्रेरणादायी नेतृत्व को लंबे समय तक याद रखेंगे। येचुरी का निधन न केवल वामपंथी राजनीति के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक बड़ी क्षति है।