• सीरप में मिलावट की पुष्टि, चेन्नई में एमपी पुलिस की बड़ी कार्रवाई
Bulletin India.
चेन्नई/भोपाल। मध्य प्रदेश पुलिस ने कथित रूप से जानलेवा साबित हो रहे कोल्ड्रिफ कफ सीरप के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए कंपनी के मालिक रंगनाथन को चेन्नई से गिरफ्तार किया है। जांच में यह पुष्टि हुई है कि सीरप में खतरनाक स्तर की मिलावट की गई थी, जिससे कई राज्यों में मरीजों के स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ा है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, कोल्ड्रिफ सीरप की सैंपल रिपोर्ट में प्रतिबंधित केमिकल्स की उपस्थिति पाई गई, जो बच्चों और वयस्कों दोनों के लिए हानिकारक है। रिपोर्ट सामने आने के बाद मध्य प्रदेश, झारखंड, राजस्थान और छत्तीसगढ़ की सरकारों ने इस दवा की बिक्री, खरीद और उपयोग पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया था।
मध्य प्रदेश के औषधि नियंत्रण विभाग की शिकायत पर गठित विशेष जांच दल (SIT) ने कार्रवाई करते हुए चेन्नई में कंपनी के मुख्यालय और निर्माण इकाई पर छापेमारी की। इस दौरान कई संदिग्ध दस्तावेज, रासायनिक नमूने और उत्पादन से जुड़ी फाइलें जब्त की गई हैं।
एमपी पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि कंपनी ने बिना आवश्यक गुणवत्ता परीक्षण और अनुमोदन के यह सीरप बाजार में उतारा था। मामले में कई वितरण एजेंसियों और रिटेल फार्मेसियों की भी भूमिका की जांच की जा रही है।
गिरफ्तार रंगनाथन को स्थानीय अदालत में पेश कर ट्रांजिट रिमांड पर भोपाल लाया जा रहा है, जहां उससे दवा निर्माण और वितरण नेटवर्क से जुड़े अन्य पहलुओं पर पूछताछ की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में मध्य प्रदेश और झारखंड में कोल्ड्रिफ, रेस्पीफ्रेश और रिलीफ नामक तीन दवाओं को “स्वास्थ्य के लिए संभावित रूप से घातक” बताते हुए प्रतिबंधित किया गया था। स्वास्थ्य विभाग ने आम जनता से अपील की है कि इन दवाओं का उपयोग तुरंत बंद करें और किसी भी संदिग्ध दवा की जानकारी नजदीकी थाने या औषधि निरीक्षक को दें।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि नकली या मिलावटी दवाएं न केवल तत्काल नुकसान पहुंचाती हैं, बल्कि लंबे समय तक शरीर के अंगों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती हैं। इसलिए इस तरह की दवा बनाने वाली कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जरूरी है।