बुलेटिन इंडिया।
सत्या पॉल ✒️
बोकारो। बोकारो जिला परिषद ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए व्यवसायी उमेश जैन द्वारा प्रस्तुत रिसॉर्ट निर्माण योजना के नक्शे को रद्द कर दिया है। यह वही नक्शा है जिसे वर्ष 2023 में परिषद ने मंजूरी दी थी, लेकिन अब प्रक्रिया में हुई गंभीर अनियमितताओं और वन भूमि पर अवैध निर्माण की आशंका के कारण इसे निरस्त कर दिया गया है।
परिषद द्वारा जारी आदेश में बताया गया है कि नक्शा पारित करने की प्रक्रिया में कई स्तरों पर नियमों की अवहेलना की गई थी। इसी के आधार पर उमेश जैन को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था। जवाब में जैन की ओर से केवल यह जानकारी दी गई कि उन्होंने नोटिस के खिलाफ झारखंड उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। न्यायालय की ओर से मामले में यथास्थिति बनाए रखने का कोई स्पष्ट निर्देश नहीं दिया गया था।
जिला परिषद द्वारा मामले की पुनः समीक्षा की गई, जिसमें अंचल अधिकारी की रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया कि संबंधित भूमि गैर आबाद, मालिकाना रहित और ‘जंगल झाड़ी’ श्रेणी की है। इस प्रकार की भूमि पर किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य करने के लिए भारत सरकार के वन विभाग से पूर्वानुमति आवश्यक होती है, जो कि इस मामले में नहीं ली गई थी।
इसके अतिरिक्त, जिस आवेदन के आधार पर नक्शा पारित किया गया था, उसमें वन विभाग द्वारा चलाए जा रहे अतिक्रमण वाद की जानकारी भी छुपाई गई थी। भूमि से जुड़े दस्तावेजों की जांच में यह भी सामने आया कि ललन पांडेय एवं अन्य व्यक्तियों ने फर्जी कागजातों के माध्यम से साजिश रचकर भूमि का म्यूटेशन करवाया था। इस प्रकरण में ललन पांडेय के खिलाफ स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
जिला परिषद ने इन सभी तथ्यों के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला कि नक्शा पारित करने की प्रक्रिया कानून सम्मत नहीं थी, और इसे रद्द करना जनहित में आवश्यक है।

इस पूरे मामले से यह स्पष्ट होता है कि भू-माफियाओं द्वारा सरकारी एवं वन भूमि पर कब्जा जमाने की कोशिशें अब प्रशासन की सख्ती के चलते रुकने लगी हैं। वहीं, जिला परिषद का यह निर्णय भविष्य में ऐसी अनियमितताओं पर रोक लगाने की दिशा में एक सख्त संदेश माना जा रहा है।