• सरकारी विदेशी शराब दुकानों में एमआरपी से अधिक वसूली, ग्राहक लाचार।
बुलेटिन इंडिया, बोकारो संवाददाता।
बोकारो। जिले में संचालित सरकारी विदेशी शराब की दुकानों में एमआरपी (अधिकतम खुदरा मूल्य) से अधिक कीमत वसूले जाने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। कई ग्राहकों ने आरोप लगाया है कि इन दुकानों में कार्यरत सेल्समैन शराब की प्रति बोतल पर ₹10 से लेकर ₹60 तक की अतिरिक्त राशि अवैध रूप से वसूल रहे हैं। इस अवैध वसूली को लेकर आम जनता में नाराजगी है।
हाल ही में बुलेटिन इंडिया के पास एक ऐसा मामला आया जिसमें एक ग्राहक ने चास के तेलीडीह मोड़ स्थित स्मार्ट बाजार मॉल के समीप स्थित सरकारी शराब दुकान से ‘Whiscots’ ब्रांड की 750ml शराब की बोतल खरीदी, इसके लिए सेल्समैन द्वारा ₹900 की मांग की गई। जबकि उक्त शराब की बोतल की MRP ₹840 थी। जब ग्राहक ने अतिरिक्त मूल्य वसूले जाने का कारण पूछा तो सेल्समैन ने यह कहकर बात टाल दी कि “पैसा ऊपर भेजना पड़ता है।” ग्राहक द्वारा विरोध किए जाने पर भी उसे कम से कम ₹20 अतिरिक्त देने के लिए कहा गया। ग्राहक ने Online payment कर वहां से निकल गया और उसे रसीद भी नहीं दी गई।
आउटसोर्सिंग व्यवस्था पर सवाल
सरकारी विदेशी शराब दुकानों का संचालन ठेकेदारों के माध्यम से किया जाता है, जिनके द्वारा सेल्समैन की नियुक्ति की जाती है। यही सेल्समैन ग्राहकों से अवैध वसूली कर रहे हैं। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक बोकारो जिले में 83 शराब की दुकानें हैं और प्रत्येक दुकान से तकरीबन 25 से 30 हजार रुपए की अवैध वसूली होती है। यानी कि हर दिन 20 से 25 लाख रुपए की अवैध वसूली की जाती है।
दुकानों में खुलेआम यह कृत्य हो रहा है, लेकिन प्रशासन की तरफ से अब तक कोई ठोस कार्रवाई ना होना प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करता है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि अधिकांश दुकानों पर रसीद तक नहीं दी जाती, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह वसूली पूरी तरह अवैध है और इसका कोई हिसाब किताब नहीं रखा जाता। यह सीधे तौर पर उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन है।
प्रशासन ने जताई सख्ती, जनता से की अपील
इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए जिला आबकारी विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि अगर किसी भी दुकान से एमआरपी से अधिक वसूली की शिकायतें पाई जाती हैं तो संबंधित दुकान के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी अपील की है कि ग्राहक ऐसी स्थितियों में खुद को असहाय न समझें, बल्कि तत्काल लिखित शिकायत दर्ज कराएं।
विशेषज्ञों की राय: बिल मांगना बनाएं आदत
उपभोक्ता मामलों के जानकारों का कहना है कि शराब खरीदते समय ग्राहकों को हमेशा बिल मांगना चाहिए और यदि कोई दुकान MRP से अधिक राशि वसूलती है, तो इसका साक्ष्य इकट्ठा कर प्रशासन को जानकारी दें। यदि ऐसी गतिविधियों को नजरअंदाज किया गया, तो यह न केवल आम लोगों के आर्थिक नुकसान का कारण बनेगा बल्कि प्रशासनिक व्यवस्था की भी साख पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करेगा।

बोकारो जैसे औद्योगिक शहर में इस प्रकार की घटनाएं यह दर्शाती हैं कि सरकार द्वारा नियंत्रित दुकानों में भी निगरानी की कमी है। ऐसे में ज़रूरत है कि जिला प्रशासन विशेष निगरानी दल गठित कर इन दुकानों का औचक निरीक्षण करे और दोषियों को कानून के दायरे में लाया जाए।