बाबू जगदेव प्रसाद कुशवाहा : बिहार के ‘लेनिन’ को श्रद्धांजलि, शहादत दिवस मनाया गया

BULLETIN INDIA DESK ::

संवाददाता, बिहारशरीफ।

बिहारशरीफ के पचासा चौक स्थित बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष, डॉ. भीमराव अंबेडकर संघर्ष विचार मंच द्वारा बाबू जगदेव प्रसाद के चित्र पर माल्यार्पण कर उनका शहादत दिवस मनाया गया। इस अवसर पर मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल पासवान और प्रदेश अध्यक्ष रामदेव चौधरी ने संयुक्त रूप से कार्यक्रम का नेतृत्व किया।

रामदेव चौधरी ने अपने संबोधन में कहा कि बाबू जगदेव प्रसाद एक प्रखर राजनीतिज्ञ, समाजवादी नेता और शोषित-वंचितों के मसीहा थे। उन्होंने जातिवाद और भेदभाव के खिलाफ आजीवन संघर्ष किया। उनका जन्म 2 फरवरी 1922 को बिहार के जहानाबाद जिले के कुलहारी गांव में हुआ था। उनके पिता प्रयाग नारायण दांगी शिक्षक थे और माता रसकली अनपढ़ थीं। बाबू जगदेव का बचपन एक ऐसे समाज में बीता, जहां डोली प्रथा, चार कट्टा प्रथा और जातिवाद प्रचलित था। उन्होंने इन कुरीतियों को समाप्त करने में अहम भूमिका निभाई।

पटना विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र और साहित्य में स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त करने के बाद, बाबू जगदेव प्रसाद ने अपने राजनीतिक जीवन को समाज के शोषित और वंचित वर्गों के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया। उनका प्रसिद्ध नारा था, “100 में 90 शोषित हैं, 90 भाग हमारा है” – जिसमें उन्होंने समाज के शोषित वर्गों की आर्थिक और राजनीतिक भागीदारी की मांग की।

बाबू जगदेव प्रसाद को बिहार का ‘लेनिन’ कहा जाता है, क्योंकि उन्होंने राज्य की राजनीति को क्रांतिकारी विचारधारा से ओत-प्रोत किया। हालांकि, उन्होंने हमेशा संसदीय लोकतंत्र में विश्वास रखा और सशस्त्र क्रांति और नक्सलवाद का विरोध किया। वे मानते थे कि संविधान में निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए लोकतंत्र, सामाजिक क्रांति और विभिन्नता में एकता आवश्यक है।

5 सितंबर 1974 को जहानाबाद के कुर्था में एक किसान आंदोलन के दौरान उन्हें पुलिस की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इसके बाद, पुलिस हिरासत में उनकी मृत्यु हो गई। उनके अंतिम समय में जब उन्होंने पानी मांगा, तो पुलिस ने निर्दयता से उन्हें पेशाब का पानी दिया।

कार्यक्रम में मंच के अन्य प्रमुख सदस्य नंदलाल दास, महेंद्र प्रसाद, लालती देवी, उमेश पंडित, लक्ष्मी प्रसाद, गौरव कुमार और राहुल कुमार सहित दर्जनों लोग उपस्थित थे।

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