बक्सर में जबरन भूमि अधिग्रहण के खिलाफ 4 सितम्बर को संयुक्त किसान मोर्चा का दमन विरोधी मार्च और जन-प्रदर्शन

BULLETIN INDIA DESK ::

संवाददाता, पटना।

संयुक्त किसान मोर्चा, बिहार ने बक्सर में जबरन भूमि अधिग्रहण के खिलाफ 4 सितम्बर 2024 को दमन विरोधी मार्च और जन-प्रदर्शन का आयोजन करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय आज पटना के जमाल रोड स्थित किसान सभा कार्यालय में हुई मोर्चा की राज्यस्तरीय बैठक में लिया गया। इस बैठक की अध्यक्षता अशोक बैठा ने की।

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बैठक में पिछले प्रदर्शन और सरकार की प्रतिक्रिया पर चर्चा की गई। गत 26 जून को पटना में आयोजित दमन विरोधी मार्च में मोर्चा ने मुख्यमंत्री नीतिश कुमार को ज्ञापन सौंपा था। इस ज्ञापन में कृषि भूमि के जबरन अधिग्रहण, चौसा के किसानों पर हुए हिंसक दमन के खिलाफ कार्रवाई, और भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्थापन में उचित मुआवजा और पारदर्शिता का अधिकार कानून, 2013 के सख्ती से पालन की मांग की गई थी। इसके साथ हीं बक्सर के चौसा प्रखंड में सतलुज जल विद्युत निगम द्वारा निर्मित कोयला बिजली संयंत्र और भारत माला परियोजना जैसे सरकारी और गैर-सरकारी परियोजनाओं के नाम पर कृषि भूमि की लूट के खिलाफ भी आवाज उठाई गई थी।

मुख्य मांगे :-

1. चौसा पुलिस दमन कांड की उच्च स्तरीय न्यायिक समिति से जांच कराई जाए और दोषी अधिकारियों को दंडित किया जाए।

2. कैग रिपोर्ट में दोषी पाए गए बक्सर के अधिकारियों को तत्काल निलंबित किया जाए।

3. फर्जी केस में जेल में बंद किसानों को तुरंत रिहा किया जाए और उनके खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएं।

4. भूमि अधिग्रहण कानून, 2013 के उल्लंघन पर सख्ती से रोक लगाई जाए।

5. पुनर्वास और पुनर्स्थापन को लेकर राज्य में स्पष्ट नीति बनाई जाए।

हालांकि, दो महीने बीत जाने के बाद भी सरकार ने किसानों की मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं की है। इस स्थिति के विरोध में, मोर्चा ने 4 सितम्बर को बक्सर में दमन विरोधी मार्च और जन-प्रदर्शन का आह्वान किया है।

इस प्रदर्शन में शरीक होने वाले सभी किसान 12:00 बजे दिन में बक्सर के किला मैदान में एकत्रित होंगे। वहां से दमन विरोधी मार्च शुरू होगा जो बक्सर के विभिन्न मार्गों से गुजरते हुए जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष समाप्त होगा, जहां एक सभा का आयोजन किया जाएगा। इस जन-प्रदर्शन में संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय नेता भी शामिल होंगे।

बैठक में कई प्रमुख किसान नेताओं ने हिस्सा लिया, जिनमें अखिल भारतीय किसान महासभा से उमेश सिंह, बिहार राज्य किसान सभा से विनोद कुमार और सोना लाल प्रसाद, और अन्य किसान संगठनों के नेता शामिल थे।

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