• बड़कीपोना में कुरकुरे फंसने से मासूम की मौत, इलाके में मातम और दहशत का माहौल

• बाल सुरक्षा को लेकर गहराई चिंता, परिजनों ने कंपनी पर कार्रवाई की मांग की

बुलेटिन इंडिया, रामगढ़ संवाददाता।

रजरप्पा (रामगढ़)। रजरप्पा थाना क्षेत्र के बड़कीपोना पारडीह गांव में बुधवार को एक दर्दनाक हादसे में साढ़े तीन वर्षीय मासूम रेयांश राज की मौत हो गई। घटना उस समय हुई जब रेयांश ने मोहल्ले की दुकान से खरीदे गए कुरकुरे खाने की कोशिश की। कुरकुरे का टुकड़ा गले में फंस जाने से वह सांस नहीं ले सका और घंटों तक तड़पने के बाद उसने दम तोड़ दिया।

 

परिजनों का कहना है कि घटना के समय गांव में लगातार बारिश हो रही थी, जिससे किसी डॉक्टर की मदद समय पर नहीं मिल सकी। बच्चा तीन घंटे तक तड़पता रहा, पर इलाज के अभाव में उसकी जान चली गई। जब तक परिजन उसे सदर अस्पताल लेकर पहुंचे, डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

 

घटना से शोक में डूबे परिजनों ने कुरकुरे निर्माता कंपनी पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए पुलिस में आवेदन देने की बात कही है। वहीं, ग्रामीणों के बीच भी कुरकुरे जैसे खाद्य पदार्थों को लेकर डर और आक्रोश व्याप्त है।

 

इलाके में गहरा मातम, लोगों में आक्रोश

मासूम की असमय मौत से गांव में शोक की लहर है। परिजन और ग्रामीणों ने इस हादसे को बच्चों के लिए चेतावनी के रूप में देखा है। घटना के बाद स्थानीय लोग भी कुरकुरे जैसे नाश्ते की गुणवत्ता और बच्चों के लिए इसके खतरे को लेकर चिंतित दिखे।

 

बाल रोग विशेषज्ञों की सलाह

घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए बाल रोग विशेषज्ञों ने कहा कि छोटे बच्चों को खाने की वस्तुएं बहुत सावधानी से देनी चाहिए। विशेषज्ञों के अनुसार, “बच्चों की सांस और खाने की नली बहुत ही संकीर्ण और नाजुक होती है। उन्हें हमेशा बैठाकर ही खाना खिलाना चाहिए और बड़े खाद्य पदार्थों को छोटे-छोटे टुकड़ों में बांटकर देना चाहिए। लिटाकर दूध या कोई भी चीज पिलाना खतरनाक हो सकता है।”

 

क्या कहता है कानून?

कानूनी जानकारों के अनुसार, यदि किसी उत्पाद के सेवन से किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है और उसमें कंपनी की लापरवाही सिद्ध होती है, तो उसके खिलाफ उपभोक्ता संरक्षण कानून सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया जा सकता है। हालांकि, ऐसी घटनाओं की गहन जांच और विशेषज्ञों की राय जरूरी होती है।

 

जागरूकता ही बचाव का उपाय

यह घटना सभी माता-पिता और अभिभावकों के लिए एक चेतावनी है कि वे छोटे बच्चों को कोई भी खाद्य सामग्री बहुत सतर्कता से दें। बाजार में मिलने वाले पैकेज्ड स्नैक्स के प्रति जागरूकता और सतर्कता बरतना बेहद जरूरी है।

 

“इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक है कि अभिभावक सतर्क रहें और बच्चों के खानपान में सावधानी बरतें। साथ ही, खाद्य उत्पाद निर्माताओं को भी ऐसे उत्पादों पर स्पष्ट चेतावनी और दिशानिर्देश देना चाहिए।”

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