बुलेटिन इंडिया, संवाददाता।

रांची। झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूजे) के छात्रों पर दर्ज मुकदमे को फर्जी करार देते हुए ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) ने राज्य सरकार से इसे तुरंत वापस लेने की मांग की है। इस संबंध में संगठन के प्रतिनिधिमंडल ने निरसा विधानसभा क्षेत्र से भाकपा माले विधायक अरूप चटर्जी से मुलाकात कर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नाम ज्ञापन सौंपा।

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आइसा ने ज्ञापन में छात्रों पर की गई कार्रवाई को अनुचित बताते हुए जब्त किए गए मोबाइल वापस करने, पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता देने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।

पुल हादसे के बाद छात्रों ने किया था शांतिपूर्ण प्रदर्शन  

उल्लेखनीय है कि 5 फरवरी, 2025 को झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय के शोधार्थी देवदास मंडल और पीजी जियोइन्फॉर्मेटिक्स की छात्रा ऐश्वर्या बसाक की मौत एक निर्माणाधीन पुल के असुरक्षित डायवर्जन पर ट्रक चढ़ने से हो गई थी। इस घटना के बाद विद्यार्थियों ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर दोषियों की गिरफ्तारी, पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता और विश्वविद्यालय परिसर के मार्गों को सुरक्षित बनाने की मांग की थी।

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छात्रों पर मुकदमा, आइसा ने बताया दमनकारी कार्रवाई 

हालांकि, इस शांतिपूर्ण प्रदर्शन के बाद पुलिस ने 7 फरवरी, 2025 को मांडर थाना में 16 छात्रों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज कर दी। इसके अलावा, पुलिस ने कथित रूप से गैरकानूनी तरीके से छात्रों के मोबाइल भी जब्त कर लिए।

आइसा ने इस मुकदमे को बिना किसी ठोस जांच के दर्ज किया गया बताते हुए इसे छात्र आंदोलन को दबाने की साजिश करार दिया है। संगठन ने कहा कि पीड़ित परिवार को न्याय और आर्थिक सहायता देने के बजाय आंदोलनरत छात्रों को गलत तरीके से निशाना बनाया जा रहा है।

आंदोलन की चेतावनी  

आइसा के नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि छात्रों के खिलाफ दर्ज फर्जी मुकदमे वापस नहीं लिए गए और उनकी मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई नहीं हुई, तो वे बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।

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इस दौरान आइसा झारखंड के राज्य सचिव त्रिलोकीनाथ, आइसा एक्टिविस्ट मो. समी, सोनू कुमार, विजय कुमार और सीयूजे स्टूडेंट्स एक्टिविस्ट सत्येन महंतो मौजूद थे।

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