बुलेटिन इंडिया, संवाददाता।

बोकारो। केन्द्रीय वित्त मंत्री द्वारा संसद में प्रस्तुत बजट के विरोध में आज ट्रेड यूनियन संयुक्त मोर्चा, बोकारो की ओर से नया मोड़, बिरसा चौक पर विरोध प्रदर्शन किया गया। इस दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री का पुतला दहन कर बजट को जनविरोधी करार दिया गया।

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वक्ताओं ने आरोप लगाया कि इस बजट में पूर्व वर्षों की तरह वही पुराने नुस्खे अपनाए गए हैं, जो अर्थव्यवस्था की वास्तविक चुनौतियों का समाधान करने में असमर्थ हैं। उन्होंने कहा कि सरकार देश की अर्थव्यवस्था को 2027 तक 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने की बड़ी-बड़ी बातें कर रही है, लेकिन जमीनी हकीकत इससे अलग है।

बेरोजगारी और महंगाई पर चिंता 

प्रदर्शनकारियों ने बढ़ती बेरोजगारी, खाद्य वस्तुओं की बढ़ती कीमतें, निजी निवेश में कमी, उपभोग खर्च में गतिरोध और विनिर्माण क्षेत्र में गिरावट को सरकार की आर्थिक नीतियों का नतीजा बताया। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री ने अर्थव्यवस्था में मांग की कमी जैसे गंभीर मुद्दे पर कोई ठोस योजना पेश नहीं की।

बीमा क्षेत्र के निजीकरण पर विरोध

वक्ताओं ने बीमा क्षेत्र में 100% एफडीआई की घोषणा की आलोचना करते हुए कहा कि यह सरकारी बीमा कंपनियों को विदेशी कॉरपोरेट्स और दिवालिया कंपनियों के हाथों सौंपने की साजिश है।

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रुपए की गिरावट पर चुप्पी  

विरोध प्रदर्शन में यह भी मुद्दा उठाया गया कि रुपया 86 रुपये प्रति डॉलर के स्तर तक गिर चुका है, लेकिन वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में इस गंभीर स्थिति पर कोई चर्चा नहीं की। वक्ताओं ने कहा कि सरकार को समझ नहीं आ रहा कि इस आर्थिक संकट से कैसे निपटा जाए, जबकि आम जनता पर लगातार आर्थिक बोझ बढ़ रहा है।

विरोध सभा का नेतृत्व 

सभा की अध्यक्षता मोहन चौधरी और संचालन आर.के. गोरांई ने किया। कार्यक्रम को एटक के रामाश्रय प्रसाद सिंह, आई.डी. प्रसाद, सीटू के के.एन. सिंह, आर.एन. सिंह, एक्टू के देवदीप सिंह दिवाकर, जे.एन. सिंह, एआईयूटीयूसी के कुमुद महतो और एचएमएस के आर.के. वर्मा ने संबोधित किया।

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