बुलेटिन इंडिया, संवाददाता।

बोकारो। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा अधिवक्ताओं के कल्याण के लिए लिए गए ऐतिहासिक फैसलों के लिए बोकारो के अधिवक्ताओं ने उन्हें बधाई दी। कोर्ट परिसर में आयोजित एक कार्यक्रम में वरीय अधिवक्ता मोहन लाल ओझा ने मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि हेमंत सरकार ने अपने चुनावी वादों को पूरा कर दिखाया है।

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मुख्यमंत्री द्वारा लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय  

इंडियन एसोसिएशन ऑफ लॉयर्स के नेशनल काउंसिल मेंबर रणजीत गिरि ने बताया कि झारखंड सरकार ने अधिवक्ताओं की लंबे समय से चली आ रही मांगों को पूरा किया है।

1. स्वास्थ्य बीमा योजना: झारखंड अधिवक्ता कल्याण निधि न्यासी समिति के तहत निबंधित अधिवक्ताओं के लिए ₹6,000 वार्षिक प्रीमियम की दर से ₹9 करोड़ का प्रावधान किया गया।

2. पेंशन योजना: 65 वर्ष से अधिक आयु के अधिवक्ताओं को पेंशन के रूप में ₹7,000 प्रति माह की दर से ₹1.6 करोड़ का प्रावधान।

3. नए अधिवक्ताओं के लिए वृत्तिका भत्ता: नए अधिवक्ताओं को पहले तीन वर्षों तक ₹5,000 प्रतिमाह वृत्तिका भत्ता प्रदान करने के लिए ₹1.5 करोड़ का प्रावधान।

इन योजनाओं के लिए कुल ₹12.1 करोड़ की राशि का उपबंध किया गया है, जो राज्य आकस्मिकता निधि से स्वीकृत हुई है। अधिवक्ताओं ने इसे झारखंड के इतिहास में एक मील का पत्थर बताया।

अधिवक्ताओं ने व्यक्त किया आभार  

इस मौके पर अधिवक्ता अतुल कुमार ने कहा, “हेमंत है तो हिम्मत है।” उन्होंने मुख्यमंत्री द्वारा लिए गए इस ऐतिहासिक निर्णय को सराहा। कार्यक्रम में अधिवक्ता संजय कुमार प्रसाद, रंजन कुमार मिश्रा, फटीक चंद्र सिंह, अजय सिन्हा समेत सैकड़ों अधिवक्ता मौजूद थे।

कार्यक्रम के दौरान अधिवक्ताओं ने एकजुटता दिखाते हुए सरकार के फैसले को अधिवक्ता समाज के लिए अत्यंत लाभकारी बताया और इसे “काबीले तारीफ” कदम कहा।

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