बुलेटिन इंडिया, संवाददाता।
बोकारो। “साइबर ठग शिकार को अपनी जाल में फंसाने के लिए एक से एक नए-नए तरीके अपना रहे हैं। जिसमें सीधे-सादे भोले-भाले आम नागरिक के साथ-साथ कभी-कभी intellectual person भी फंस जाते हैं।” ऐसा हीं एक मामला सामने आया है बोकारो जिले से। शहर के प्रतिष्ठित बोकारो जनरल अस्पताल (BGH) के चिकित्सा प्रमुख डॉ. विभूति भूषण करुणामय साइबर अपराधियों के निशाने पर आ गए। जालसाजों ने फर्जी मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने की धमकी देकर डॉक्टर से 20,86,947 रुपये ठग लिए। इस घटना की जानकारी मिलने पर साइबर थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
घटना का विवरण
डॉ. विभूति ने पुलिस को बताया कि 15 जनवरी को जब वह अस्पताल के इकोकार्डियोग्राफी रूम में मरीज की जांच कर रहे थे, उसी समय उन्हें एक कॉल आई। कॉलर ने खुद को टेलीफोन विभाग का कर्मचारी बताते हुए दावा किया कि डॉक्टर के नाम पर पंजीकृत मोबाइल नंबर से अवैध फोटो और वीडियो वायरल हुए हैं। कॉलर ने उनका नंबर बंद करने की धमकी दी और समाधान के लिए कीपैड पर “9” दबाने को कहा।
इसके बाद, एक अन्य व्यक्ति ने खुद को पुलिस अधिकारी बताते हुए कहा कि डॉक्टर के नाम से मुंबई के नासिक में एक मोबाइल नंबर पंजीकृत है, जो अवैध गतिविधियों में इस्तेमाल हो रहा है।
Whatsapp पर जालसाजी का विस्तार
संदिग्ध व्यक्ति ने डॉक्टर को व्हाट्सएप वीडियो कॉल पर एकांत में बात करने के लिए कहा। ढाई घंटे की बातचीत में उसने डॉक्टर को नासिक जाकर एफआईआर दर्ज कराने या ऑनलाइन काउंटर एफआईआर का विकल्प दिया। डॉक्टर की असमर्थता जताने पर उसने ऑनलाइन एफआईआर के बहाने जाल बिछाना शुरू किया।
मनी लॉन्ड्रिंग और फर्जी खातों का डर
जालसाजों ने डॉक्टर को यह विश्वास दिलाया कि उनके नाम से केनरा बैंक में खाता खुला है, जो मनी लॉन्ड्रिंग में उपयोग हो रहा है। अपराधियों ने उन्हें धमकी दी कि यदि उन्होंने 20,86,947 रुपये एक संदिग्ध खाते में जमा नहीं किए, तो उनकी संपत्ति जब्त हो सकती है।
RTGS के माध्यम से ठगी
डर और भ्रमित करने के बाद डॉक्टर ने अपराधियों के कहे अनुसार आरटीजीएस के जरिए राशि ट्रांसफर कर दी। जालसाजों ने यह दावा किया कि यह धनराशि कोर्ट में जमा हो रही है और तीन दिनों में वापस हो जाएगी। हालांकि, जब उन्होंने 25 लाख रुपये और मांगे, तो डॉक्टर को शक हुआ।
धमकियों के बाद पुलिस की मदद
अपराधियों ने डॉक्टर से एक सादे कागज पर लिखवाया कि वह इस घटना की जानकारी किसी को नहीं देंगे। लेकिन, जब उन्होंने राशि देने से मना किया, तो उन्हें धमकी दी गई। इसके बाद डॉक्टर ने कॉल ब्लॉक कर साइबर थाना पुलिस से मदद मांगी।
पुलिस कार्रवाई
साइबर थाना पुलिस ने डॉक्टर की शिकायत पर FIR दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने डिजिटल ठगी के इस मामले को गंभीरता से लेते हुए लोगों से सतर्क रहने और अनजान कॉल्स पर व्यक्तिगत जानकारी साझा न करने की अपील की है।
सतर्कता की जरूरत
इस घटना ने डिजिटल ठगी के बढ़ते खतरों को उजागर कर दिया है। बोकारो जनरल अस्पताल के डॉक्टरों को इससे पहले भी निशाना बनाया जा चुका है। पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे संदिग्ध फोन कॉल्स से सावधान रहें और ऐसी घटनाओं की तुरंत सूचना दें।