• अंगवाली उच्च विद्यालय की प्रधानाध्यापिका पर कार्रवाई की मांग तेज
• मुख्यमंत्री को सौंपा गया ज्ञापन
Bulletin India.
पेटरवार (बोकारो)। पेटरवार प्रखंड के अंगवाली उच्च विद्यालय, अंगवाली में शिक्षा व्यवस्था चरमराने और प्रधानाध्यापिका के कथित दुर्व्यवहार को लेकर ग्रामीणों ने व्यापक विरोध जताया है। इसी क्रम में ग्रामीणों एवं पंचायत के मुखिया ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक विस्तृत ज्ञापन सौंपकर तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
ग्रामीणों का आरोप है कि विद्यालय की प्रधानाध्यापिका द्वारा शिक्षक–कर्मियों और विद्यार्थियों के साथ न सिर्फ दुर्व्यवहार किया जाता है, बल्कि विद्यालय की शिक्षा व्यवस्था भी बुरी तरह प्रभावित हो रही है। आरोपों में प्रताड़ना, कुप्रबंधन, भ्रष्टाचार और शैक्षणिक वातावरण को खराब करने जैसे गंभीर बिंदु शामिल हैं। ग्रामीणों का कहना है कि लगातार शिकायतों के बावजूद विद्यालय की स्थिति में सुधार नहीं हो पा रहा है, जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए बोकारो के उपायुक्त अजय नाथ झा को त्वरित जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। इसी क्रम में जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) जगन्नाथ लोहारा ने प्रधानाध्यापिका को तीन दिनों के भीतर अपना पक्ष स्पष्ट करने का मौका दिया है, ताकि जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।
ग्रामीणों का कहना है कि प्रधानाध्यापिका के रवैये से वर्षों से विद्यालय का शैक्षणिक माहौल बिगड़ता जा रहा है। उनका आरोप है कि विद्यालय का नियमित संचालन बाधित रहता है और विद्यार्थियों व शिक्षकों के साथ अनुचित व्यवहार आम हो चुका है। इस वजह से शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त होने की कगार पर है।
ग्रामीणों एवं अभिभावकों ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि विद्यालय में शैक्षणिक माहौल को सुधारने और बच्चों के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए आरोपित प्रधानाध्यापिका को तत्काल बर्खास्त किया जाए। उनका कहना है कि यदि समय पर कठोर कार्रवाई नहीं हुई, तो ग्रामीण बड़े स्तर पर आंदोलन करने को बाध्य होंगे।
ग्रामीणों का यह भी कहना है कि बच्चों की शिक्षा से खिलवाड़ किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं होगी और विद्यालय में अनुशासन, पारदर्शिता व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा बहाल करना सरकार की जिम्मेदारी है। प्रशासनिक जांच शुरू होने से ग्रामीणों में उम्मीद जगी है कि अब विद्यालय की स्थिति जल्द सुधर सकेगी।
