• ACB की जांच में नया खुलासा

Bulletin India.

हजारीबाग। वन भूमि से जुड़े करोड़ों रुपये के लैंड स्कैम में अब भाजपा के हजारीबाग सदर विधायक प्रदीप प्रसाद का नाम भी सामने आया है। एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की चल रही जांच में विधायक की संलिप्तता के संकेत मिले हैं। यह वही मामला है, जिसमें पूर्व में IAS अधिकारी विनय चौबे, कारोबारी विनय सिंह सहित कई सरकारी अधिकारी और व्यवसायी गिरफ्तार किए जा चुके हैं।

 

सूत्रों के अनुसार, ACB की टीम ने मामले से जुड़ी फाइलों और जमीन के दस्तावेजों की छानबीन में पाया कि वन विभाग की भूमि को निजी उपयोग के लिए हड़पने और फर्जी कागजात के जरिए रजिस्ट्री कराने में कई प्रभावशाली लोगों की मिलीभगत रही है। इसी सिलसिले में हजारीबाग सदर विधायक प्रदीप प्रसाद का नाम जांच के दायरे में आया है।

 

ACB सूत्रों का कहना है कि इस पूरे घोटाले में फर्जीवाड़े के जरिये वन भूमि को गैर-कानूनी तरीके से लीज पर देने और उसके एवज में भारी रकम के लेनदेन की बात सामने आई है। बताया जा रहा है कि विधायक प्रदीप प्रसाद से संबंधित कुछ जमीन के दस्तावेजों की जांच जारी है।

 

इधर, ACB ने कारोबारी विनय सिंह की पत्नी के खिलाफ भी ठोस सबूत मिलने की बात कही है। निकट भविष्य में उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी होने की संभावना जताई जा रही है।

 

गौरतलब है कि इस प्रकरण में अब तक कई महत्वपूर्ण गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, जिनमें IAS अधिकारी विनय चौबे की गिरफ्तारी सबसे चर्चित रही। ACB का दावा है कि इस घोटाले की जड़ में उच्चस्तरीय मिलीभगत रही है, जिसके तहत सरकारी जमीनों को निजी हाथों में सौंपा गया।

 

वहीं, विधायक प्रदीप प्रसाद ने अब तक इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। भाजपा संगठन स्तर पर भी मामले की समीक्षा की जा रही है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, यदि आरोप पुख्ता पाए गए तो संगठनात्मक कार्रवाई की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

 

इस मामले में ACB की जांच तेज हो गई है और आने वाले दिनों में और भी नाम सामने आने की संभावना जताई जा रही है।

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