माननीय न्यायाधीश पर हमले, IPS वाई. पूरण कुमार प्रकरण व दलित अत्याचार के मामलों में दोषियों की गिरफ्तारी की मांग
Bulletin India, Correspondent.
बोकारो। बोकारो परिवार की ओर से बुधवार की संध्या सामाजिक न्याय और समानता की मांग को लेकर एक शांतिपूर्ण कैंडल मार्च का आयोजन किया गया। यह मार्च डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा (नगर सेवक भवन के निकट) से प्रारंभ हुआ। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता सेल एससी/एसटी एम्प्लाइज फेडरेशन, बोकारो यूनिट के अध्यक्ष एम.के. अभिमन्यु ने की।
कैंडल मार्च के बाद सिटी सेंटर गाड़ी पार्किंग क्षेत्र में एक नुक्कड़ सभा आयोजित की गई, जिसमें वक्ताओं ने हाल के कई सामाजिक अन्याय और जातीय भेदभाव से जुड़े मामलों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। सभा में वक्ताओं ने कहा कि –
- माननीय मुख्य न्यायाधीश मान्यवर भूषण रामकृष्ण गवई पर जूता फेंकने की घटना निंदनीय है, और आरोपित व्यक्ति को शीघ्र गिरफ्तार कर कठोर सजा दी जानी चाहिए।
- आईपीएस अधिकारी वाई. पूरण कुमार को जातिसूचक शब्दों से अपमानित कर आत्महत्या के लिए उकसाने वाले सभी दोषी अधिकारियों को तत्काल निलंबित कर गिरफ्तार किया जाए तथा फास्ट ट्रैक कोर्ट में शीघ्र न्याय दिलाया जाए।
- हरिओम वाल्मीकि की पीट-पीटकर की गई हत्या के दोषियों को सख्त दंड दिया जाए ताकि भविष्य में कोई कानून अपने हाथ में लेने का दुस्साहस न करे।
- भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर के प्रति अभद्र टिप्पणी करने वाले एडवोकेट अनिल मिश्रा को तत्काल गिरफ्तार कर कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।
वक्ताओं ने कहा कि देश के महापुरुषों के सम्मान की रक्षा के लिए ऐसे लोगों पर निरंतर नजर रखी जानी चाहिए जो जानबूझकर समाज में नफरत और वैमनस्य फैलाने का प्रयास करते हैं।
चास नगर निगम के निवर्तमान मेयर भोलू पासवान ने नुक्कड़ सभा को संबोधित करते हुए कहा —
“सम्मान हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है, और इसे कोई भी हमसे छीन नहीं सकता। अगर दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो यह लड़ाई लगातार जारी रहेगी।”
कैंडल मार्च में बोकारो के कई सामाजिक संगठनों, संस्थाओं और दलित संगठनों के प्रतिनिधियों ने सक्रिय भागीदारी की। इनमें प्रमुख रूप से दलित संघर्ष मोर्चा, ऑल इंडिया एससी-एसटी एंड ओबीसी कोऑर्डिनेशन काउंसिल, अर्जक संघ, बसपा, भीम आर्मी, अखिल भारतीय संत गाडगे संस्थान, तथा बाबा साहब प्रतिमा निर्माण समिति शामिल थे।
मार्च और सभा में शामिल प्रमुख प्रतिभागियों में भीष्म बैठा, घनश्याम चौधरी, देवानंद राम, डी.डी. राम, मनोज पासवान, सरोज कुमार, अजय कुमार, ललन आनंदकर, अनिल कुमार, बाबला राम, प्रदीप रजक, राजकुमार, वीरेंद्र कुमार, रविंद्र महली, जगदीश छुरा, संतोष कुमार, इंदल पासवान, महेश पासवान, युगल चौधरी, राजेश चौधरी, सुनील कुमार, बसंत कुमार, सुनील कुमार रैना सहित अनेक लोग उपस्थित थे।
कैंडल मार्च शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ, परंतु सभा में उठाए गए सवालों ने प्रशासन और समाज दोनों के सामने एक बार फिर यह सोचने को मजबूर कर दिया कि “समानता और न्याय की वास्तविक लड़ाई अब भी अधूरी है।”