बुलेटिन इंडिया।
सत्या पॉल। ✒️
बोकारो। बोकारो में स्ट्रीट डॉग्स की समस्या लगातार गहराती जा रही है। जहां एक ओर सच्चे डॉग लवर बेजुबान जानवरों के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ लोग केवल दिखावे के लिए खुद को डॉग लवर बताकर समाज में अलग छवि बनाने की कोशिश करते हैं। बेजुबान जानवरों को बिस्कुट या बचा-खुचा खाना देकर यह लोग भले हीं खुद को पशुप्रेमी साबित करने की होड़ में लगे हों, लेकिन जब मामला आमजन की परेशानी से जुड़ता है तो स्थिति अक्सर तनावपूर्ण हो जाती है। कई बार यह विवाद थाने से लेकर न्यायालय तक पहुंच जाते हैं।

बोकारो जिले में हाल के दिनों में सामने आए कुछ मामले इस समस्या की गंभीरता को उजागर करते हैं—
पहला मामला – मालती लग्ज़ुरिया सिटी
शहर की प्रतिष्ठित सोसाइटी मालती लग्ज़ुरिया सिटी में स्ट्रीट डॉग्स के मुद्दे को लेकर दो पक्षों के बीच लंबे समय से विवाद चला आ रहा है। मामला इतना बढ़ा कि दोनों पक्ष अब न्यायालय की शरण में पहुंच गए हैं। निवासियों का कहना है कि सोसाइटी में स्ट्रीट डॉग्स की बढ़ती संख्या से सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। वहीं, दूसरी ओर खुद को डॉग लवर बताने वाले कुछ लोग इनके संरक्षण पर जोर दे रहे हैं। इस खींचतान ने सोसाइटी का माहौल बिगाड़ दिया है।
दूसरा मामला – सेक्टर 12 थाना क्षेत्र
सेक्टर 12 में डॉग्स के झगड़े ने हिंसक रूप ले लिया। जानकारी के अनुसार, एक तथाकथित डॉग लवर ने अपने पड़ोसी से विवाद के दौरान जानलेवा हमला कर दिया। इस घटना में मां-बेटे गंभीर रूप से घायल हो गए। मामला थाने से होते हुए न्यायालय तक पहुंच गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि डॉग लवर अपने प्रभाव का गलत इस्तेमाल कर दूसरों पर दबंगई दिखाने से बाज नहीं आते।
तीसरा मामला – सदर बाजार, चास
सदर बाजार में स्ट्रीट डॉग्स के झगडे़ में बाप-बेटे ने एक व्यक्ति को बुरी से पीट दिया। यह मामला भी थाने तक जा पहुंचा।
चौथा मामला – चास नगर निगम क्षेत्र
चास नगर निगम क्षेत्र में एक नामी चिकित्सक के पालतू कुत्ते ने एक गरीब महिला पर हमला कर उसे बुरी तरह जख्मी कर दिया। जब इस घटना को लेकर स्थानीय लोगों ने चिकित्सक से सवाल किया तो वह भड़क गए और उल्टे आमजनों को ही धमकी दे डाली। लोगों का आरोप है कि चिकित्सक ने अपनी पावर का धौंस दिखाते हुए मामले को दबाने का प्रयास किया।
पांचवां मामला – यदुवंश नगर, चास
यदुवंश नगर में भी स्ट्रीट डॉग्स के विवाद ने दो महिलाओं को आपस में भिड़ा दिया। बात इतनी बढ़ गई कि मामला सीधे थाने तक जा पहुंचा।
आमजन बनाम डॉग लवर: बढ़ता तनाव
इन घटनाओं से साफ है कि बोकारो में स्ट्रीट डॉग्स का मुद्दा अब सिर्फ सामाजिक नहीं बल्कि कानूनी विवाद का भी रूप ले चुका है। जहां एक ओर आमजन स्ट्रीट डॉग्स से भयभीत और परेशान हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ लोग अपने पद, पावर और तथाकथित डॉग लव का इस्तेमाल कर दूसरों पर दबाव बनाने का काम कर रहे हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन को इस गंभीर समस्या पर ठोस कदम उठाने की जरूरत है। केवल दिखावे के नाम पर डॉग लवर बनने वाले लोग अगर समाज में अशांति फैलाते हैं तो इसका खामियाजा पूरे शहर को भुगतना पड़ेगा।
👉 बोकारो वासी अब इस सवाल पर विचार कर रहे हैं कि आखिर बेजुबान जानवरों का संरक्षण और आम नागरिकों की सुरक्षा के बीच संतुलन कब और कैसे बनेगा।