• दीक्षा-जमील प्रकरण : प्रेम या लव जेहाद? बोकारो में गूंजा सवाल
बुलेटिन इंडिया, संवाददाता।
बोकारो। बोकारो में इन दिनों एक युवक-युवती के रिश्ते को लेकर ज़ोरदार बहस छिड़ी हुई है। स्थानीय मीडिया और कुछ संगठनों द्वारा इस मामले को “लव जेहाद” करार दिया जा रहा है, जबकि पुलिस और कानूनी दस्तावेज़ों में इसके विपरीत तथ्य सामने आ रहे हैं। सवाल यह उठ रहा है कि क्या यह सच में लव जेहाद का मामला है, या फिर सिर्फ धार्मिक पहचान के आधार पर एक प्रेम कहानी को विवाद का रूप दिया जा रहा है?
⇒ मामला क्या है?
उड़ीसा के खुरदा ज़िले के मंगेश्वर थाना क्षेत्र स्थित सत्य बिहार के निवासी ज्योति रंजन राउतराय ने पुलिस को बताया कि उनकी 24 वर्षीय पुत्री दीक्षा राउतराय पिछले कुछ समय से लापता थी। उनकी शिकायत के अनुसार, जमील अख्तर नामक युवक जो उड़ीसा के जजपुर ज़िले के बरसनो थाना अंतर्गत चंडीतल गांव का निवासी है, दीक्षा को अपने साथ लेकर गया।
ज्योति रंजन के अनुसार, वह जमील को अपने बेटे की तरह मानते थे और वह उनके घर भी आता-जाता था। उनका दावा है कि जमील पहले से शादीशुदा था, और दीक्षा की भी शादी हो चुकी थी। बावजूद इसके, दोनों के बीच संबंध विकसित हुए और बाद में दीक्षा अपने परिवार को बिना सूचना दिए गायब हो गई।
परिजनों ने दीक्षा की गुमशुदगी की रिपोर्ट मंगेश्वर थाना में दर्ज कराई थी। बाद में सूचना मिलने पर परिजन बोकारो पहुंचे, जहां दीक्षा और जमील बोकारो के लोहांचल क्षेत्र के एक मकान (संख्या – 161) में रह रहे थे। इसके बाद दोनों को बोकारो पुलिस ने पूछताछ के लिए थाने बुलाया।
⇒ दीक्षा का बयान क्या कहता है?
पुलिस पूछताछ के दौरान दीक्षा ने स्पष्ट रूप से कहा कि वह बालिग है और अपनी मर्जी से जमील के साथ रह रही है। उसने बताया कि जब उसके पिता ने उड़ीसा में शिकायत दर्ज कराई थी, तब भी उसने पुलिस के समक्ष यही बयान दिया था।
दीक्षा ने आरोप लगाया कि उसके परिवार वालों ने उसकी जबरन शादी करवाई थी, जिससे वह तलाक लेने की कानूनी प्रक्रिया में है। उसने यह भी कहा कि जमील भी अपनी पत्नी से तलाक लेने की प्रक्रिया में है। दीक्षा ने बोकारो के CJM कोर्ट में अपने माता-पिता, बुआ, चाची, पति और ससुर के खिलाफ BNS की धारा 33 के तहत शिकायत दर्ज कराई है।
⇒ पुलिस का क्या कहना है?
बोकारो स्टील सिटी के डीएसपी आलोक रंजन ने बताया कि सेक्टर 12 थाना में सनहा दर्ज कर दीक्षा का बयान कार्यपालक दंडाधिकारी के समक्ष लिया गया है। पुलिस के अनुसार, दीक्षा बालिग है और उसने अपनी मर्जी से जमील के साथ रहने की बात कही है। अब तक की जांच में जबरन धर्म परिवर्तन या किसी भी तरह की धोखाधड़ी का प्रमाण नहीं मिला है।
⇒ मीडिया और समाज में उठे सवाल
स्थानीय मीडिया में इस प्रकरण को “लव जेहाद” के तौर पर प्रस्तुत किया जा रहा है। कुछ समाचार चैनलों और सोशल मीडिया हैंडल्स ने इसे धार्मिक रंग दे दिया है, जिससे समाज में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है। वहीं, कुछ पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता इस मुद्दे पर सावधानी बरतने की अपील कर रहे हैं।
यह मामला फिलहाल कानूनी प्रक्रिया में है, परन्तु उपलब्ध तथ्यों और पुलिस जांच के आधार पर यह कहना जल्दबाजी होगी कि यह लव जेहाद का मामला है। दीक्षा बालिग है, वह अपनी मर्जी से रिश्ते में है, और जमील ने अपनी पहचान छुपाई नहीं है — ऐसे में इस रिश्ते को “लव जेहाद” कहना उचित प्रतीत नहीं होता।
यह समाज के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है जब भावनाओं की जगह तथ्यों को प्राथमिकता दी जाए और इस बात पर विचार किया जाए कि क्या दो वयस्कों का पारस्परिक संबंध सिर्फ धार्मिक भिन्नता के कारण संदिग्ध माना जाना चाहिए?