• आदिवासी पारंपरिक वेश- भूषा में जाहेरगढ़ से निकाली जाएगी झांकी
• आदिवासी समाज के सितारे शिक्षा, खेल व समाज के लिए प्रेरणास्रोत बने व्यक्ति को किया जाएगा सम्मानित
बुलेटिन इंडिया, संवाददाता।
बोकारो। सेक्टर 04 स्थित दिशोम जाहेरगढ़ में संयुक्त आदिवासी परिवार की बैठक हुई। अध्यक्षता सुनील किस्कू व संचालन जेसी मिंज ने किया। इस दौरान उपस्थित सभी आदिवासी समाज के लोगों ने संयुक्त रूप से संयुक्त आदिवासी परिवार के बैनर तले आगामी नौ अगस्त को कैंप- 02 स्थित टाउन हॉल में विश्व आदिवासी दिवस भव्य रूप से मानने की रूपरेखा तैयार की गई।
बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि आदिवासी दिवस के दिन सबसे पहले आदिवासियों के महानायक धरती आबा बिरसा मुंडा, बाबा तिलका मांझी, सिदो- कान्हू मुर्मू, फूलो- झानो, वीर बुद्धू भगत सरीखे अन्य सभी नायकों को याद करते हुए आदिवासी पारंपरिक वेश- भूषा में सेक्टर 04 के दिशोम जाहेरगढ़ से झांकी (जुलूस) निकली जाएगी, जो शहर के हृदय स्थल बिरसा चौक स्थित भगवान बिरसा मुंडा के प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद समापन होगी। तत्पश्चात दिन भर का सभी कार्यक्रम कैंप- 02 के टाउन हॉल किया जाएगा।
अध्यक्षता करते हुए सुनील किस्कू ने कहा कि तैयारी को लेकर सभी सक्रिय सदस्यों को अलग अलग जिम्मेदारी दी गई। बैनर व झंडा बनाने की जिम्मेदारी काली मांझी, जय मंगल उरांव, कुलदीप तिर्की, कृष्णा सोरेन, मनोहर तिर्की व संजय उरांव को दी गई है। आयोजन में सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ सम्मान समारोह भी होगा। समस्त आदिवासी समाज के सितारे जो दसवीं, बारवीं, इंजीनियरिंग, मेडिकल की परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन किए है तथा विभिन्न खेलों के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को सम्मानित किया जाएगा। साथ ही आदिवासी समाज के प्रेरणा स्रोत व्यक्ति, नायके, पाहन, दियूरी व पादरियों को भी सम्मानित किया जाएगा।
कार्यक्रम को भव्य रूप देने के लिए विभिन्न विभागों में कार्यरत आदिवासी समाज के पदाधिकारियों व शहर के आसपास के गांवों टोले के प्रमुखों एवं गणमान्य व्यक्तियों को निमंत्रण देने के लिए अलग से जिम्मेदारी दी गई।
मौके पर मुख्य रूप से अमन बास्की, सोहराय सोरेन, जेसी मिंज, माइकल एक्का, राकेश केरकेट्टा, दिनेश मांझी, राकेश कुमार, नकुल हेम्ब्रम, सुरेश मुर्मू, बद्री मांझी, सरकार मुर्मू, कृष्णा सोरेन, काली मांझी, विल्सन कोनगारी, सुनील किस्कू, प्रवीण किस्कू, रबीन्द्रनाथ हांसदा, कुलदीप तिर्की, मोके पाहन, दुर्गा मांझी, कृष्णा हेम्ब्रम, जय मंगल उरांव, सुदर्शन हांसदा, बब्लू गोडसोरा, अशोक भगत, शिव देवा खलखो, मनोहर तिर्की, महावीर सोरेन आदि मौजूद थे।