बुलेटिन इंडिया।

सत्या पॉल ✒️

बोकारो। “कौन कहता है आसमाँ में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों”— इस पंक्ति को साकार किया है बोकारो के एक विस्थापित क्षेत्र में पले-बढ़े युवक ने, जिसने झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) की प्रतिष्ठित परीक्षा में सफलता प्राप्त कर अपने माता-पिता और पूरे समाज का सिर गर्व से ऊँचा कर दिया।

 

बोकारो के बांधगोड़ा साइड “बी” ब्लॉक निवासी गया राम रजवार के पुत्र दीपक कुमार ने हाल ही में घोषित JPSC परीक्षा परिणाम में सफलता अर्जित की है। दीपक की इस उपलब्धि से न सिर्फ उनके परिवार में खुशी की लहर है, बल्कि विस्थापित समुदाय में भी उत्साह का माहौल है।

दीपक कुमार की प्रारंभिक शिक्षा बोकारो इस्पात विद्यालय, सेक्टर-12 से हुई। इसके बाद उन्होंने पेंटाकॉसटल असेंबली स्कूल से इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी की। आगे की पढ़ाई के लिए वे राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT), जमशेदपुर गए, जहाँ से उन्होंने इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की। इसी दौरान उन्होंने सिविल सेवा की तैयारी भी जारी रखी और आखिरकार अपने लक्ष्य को प्राप्त कर दिखाया।

 

दीपक के पिता गया राम रजवार, बोकारो इस्पात संयंत्र के इंस्ट्रूमेंशन एंड ऑटोमेशन विभाग में कार्यरत हैं। कुछ वर्ष पूर्व ही दीपक की माता स्वर्गीय उषा देवी का निधन हो गया था, लेकिन दीपक मानते हैं कि उनकी माँ का आशीर्वाद हमेशा उनके साथ बना रहा।

 

बुलेटिन इंडिया से बातचीत में दीपक ने कहा, “यह सफर आसान नहीं था, लेकिन मेरे माता-पिता का आशीर्वाद, पिता की मेहनत और खुद पर विश्वास ने मुझे यहाँ तक पहुँचाया। मैं यह सफलता समाज के हर उस युवा को समर्पित करता हूँ, जो विषम परिस्थितियों के बावजूद बड़ा सपना देखने का साहस रखते हैं।”

 

दीपक की सफलता ने यह साबित कर दिया है कि यदि संकल्प मजबूत हो, तो कोई भी बाधा मंजिल को नहीं रोक सकती। स्थानीय लोगों और समाजसेवियों ने दीपक को बधाई दी है और कहा है कि वह आनेवाली पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेंगे।

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