• बोकारो में 100 एकड़ वन भूमि की फर्जी बिक्री, सीआईडी की बड़ी कार्रवाई – इजहार हुसैन व अख्तर हुसैन गिरफ्तार

• जमीन घोटाले में अधिकारी, भू-माफिया और स्टील प्लांट कर्मियों की मिलीभगत उजागर

  1. बुलेटिन इंडिया, डेस्क।

बोकारो। बोकारो जिले में वन विभाग की भूमि की फर्जी खरीद-बिक्री का बड़ा मामला सामने आया है। सरकारी व वन विभाग की जमीन को हेराफेरी कर बेचने के मामले में सीआईडी ने शनिवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों – इजहार हुसैन और अख्तर हुसैन को गिरफ्तार किया है। दोनों पर आरोप है कि उन्होंने तेतुलिया मौजा स्थित करीब 100 एकड़ बेशकीमती जमीन को फर्जी दस्तावेजों के जरिए हड़पने और बेचने का काम किया।

 

जानकारी के अनुसार, चास अंचल क्षेत्र अंतर्गत तेतुलिया, बांधगोड़ा, नारायणपुर और कमलडीह मौजा की सैकड़ों एकड़ जमीन पिछले कुछ वर्षों में भू-माफियाओं द्वारा अवैध तरीके से बेची गई है। सूत्रों के मुताबिक, इस पूरे घोटाले में कुछ भ्रष्ट सरकारी अधिकारी और कर्मचारी भी शामिल हैं, जिनकी मिलीभगत से फर्जी दस्तावेज तैयार कर जमीन को बेचा गया।

 

⇒ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, सीआईडी और ईडी कर रही जांच

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने भी संज्ञान लिया है। कोर्ट ने झारखंड सरकार से जमीन के मूल दस्तावेजों का रिकॉर्ड प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। वहीं झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता के निर्देश पर सीआईडी ने इस घोटाले की जांच शुरू की है। डीजीपी ने बताया कि दो लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है और आगे की जांच तेजी से चल रही है।

 

⇒ चास अंचल कार्यालय से गायब मिले दस्तावेज, 400 एकड़ जमीन का रिकॉर्ड संदिग्ध

सीआईडी की टीम कई बार बोकारो पहुंचकर इस घोटाले की तह तक जाने की कोशिश कर चुकी है। बीते दिनों चास अंचलाधिकारी कार्यालय में सीआईडी अधिकारियों ने बोकारो डीएफओ रजनीश कुमार के साथ घंटों तक जमीन से जुड़े दस्तावेजों की छानबीन की। इस दौरान 60 से 75 वॉल्यूम नंबर तक की जमीन रजिस्ट्री बही के पन्ने फटे हुए पाए गए। जिनमें लगभग 400 एकड़ रिहायशी जमीन से संबंधित महत्वपूर्ण रिकॉर्ड दर्ज थे।

 

⇒ बोकारो स्टील प्लांट द्वारा लौटाई गई वन भूमि भी घोटाले की जद में

तेतुलिया क्षेत्र की वह जमीन, जिसे बोकारो स्टील प्लांट ने वन विभाग को लौटाया था, उसी भूमि को भू-माफियाओं ने फर्जी दस्तावेज बनाकर बेच डाला। मामले में यह भी आरोप है कि भू-माफियाओं को अंचल कार्यालय कर्मियों और स्टील प्लांट के कुछ अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त था।

 

⇒ प्राथमिकी दर्ज, सीआईडी ने टेकओवर किया केस

बोकारो वन प्रमंडल के प्रभारी वनपाल सह वनरक्षक रुद्र प्रताप सिंह की शिकायत पर सेक्टर 12 थाना में कांड संख्या 32/2024 दर्ज की गई थी। जिसके बाद सीआईडी ने इस मामले को टेकओवर करते हुए जांच शुरू की। प्रारंभिक जांच में स्पष्ट हुआ कि करीब 100 एकड़ से अधिक वन भूमि को अवैध रूप से फर्जी दस्तावेज तैयार कर बेच दिया गया।

 

⇒ सफेदपोशों में मचा हड़कंप

सीआईडी की कार्रवाई के बाद बोकारो के कई सफेदपोशों और अधिकारी वर्ग में हड़कंप मच गया है। जांच टीम ने संकेत दिया है कि आने वाले दिनों में और भी गिरफ्तारियां संभव हैं। पूरे प्रकरण में जिस तरह से दस्तावेजों में छेड़छाड़ की गई और सरकारी संपत्ति को बेचने का षड्यंत्र रचा गया, उसने प्रशासनिक व्यवस्था पर भी कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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