• शताब्दी मजूमदार बनीं बोकारो की नई उप विकास आयुक्त, प्रशासनिक रिक्तता हुई समाप्त
बुलेटिन इंडिया, बोकारो संवाददाता।
बोकारो। झारखंड सरकार ने 2019 बैच की आईएएस अधिकारी शताब्दी मजूमदार को बोकारो जिले की नई उप विकास आयुक्त (DDC) के रूप में नियुक्त किया है। यह पद बीते कुछ महीनों से खाली था, जिसे अब एक अनुभवी और कर्मठ महिला अफसर से भरा गया है। उप विकास आयुक्त बोकारो में जिला परिषद के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी की भी भूमिका निभाते हैं, जो जिला प्रशासन की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है।

⇒ त्रिपुरा से झारखंड तक का प्रशासनिक सफर
शताब्दी मजूमदार मूल रूप से त्रिपुरा की राजधानी अगरतला से ताल्लुक रखती हैं। उन्होंने यूपीएससी 2019 परीक्षा में 80वीं रैंक प्राप्त कर देशभर में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। झारखंड कैडर मिलने के बाद उन्होंने राज्य के विभिन्न हिस्सों में प्रशासनिक अनुभव प्राप्त किया और कई योजनाओं को धरातल पर सफलतापूर्वक लागू किया।
⇒ आदिवासी विकास से लेकर कानून-व्यवस्था तक निभाई जिम्मेदारी
शताब्दी मजूमदार ने पूर्व में जमशेदपुर में एकीकृत आदिवासी विकास एजेंसी (आईटीडीए) की परियोजना निदेशक के तौर पर कार्य किया, जहां उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका से जुड़ी कई योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू किया। इसके अलावा, वे धालभूम अनुमंडल की एसडीओ भी रही हैं। इस पद पर रहते हुए उन्होंने कानून-व्यवस्था, जनसुनवाई और योजनाओं के क्रियान्वयन को दक्षतापूर्वक संभाला।
⇒ बोकारो में नई भूमिका, बड़ी अपेक्षाएं
बोकारो को झारखंड का औद्योगिक और प्रशासनिक केंद्र माना जाता है। यहां की विकास योजनाओं का कुशल क्रियान्वयन, पंचायतों एवं जिला परिषद के कार्यों की निगरानी तथा सामाजिक योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना उप विकास आयुक्त की प्रमुख जिम्मेदारियों में शामिल है। ऐसे में शताब्दी मजूमदार की नियुक्ति से बोकारोवासियों को बेहतर प्रशासन और सुशासन की उम्मीद है।

प्रशासनिक विश्लेषकों का मानना है कि शताब्दी मजूमदार जैसी तेजतर्रार, संवेदनशील और नवाचारप्रिय अधिकारी की तैनाती से जिले को विकास की नई दिशा मिलेगी। यह नियुक्ति राज्य सरकार की उस नीति को भी दर्शाती है, जिसमें योग्यता, अनुभव और नेतृत्व क्षमता को प्राथमिकता दी जा रही है।
बोकारो जिला प्रशासन अब उनके नेतृत्व में विकास कार्यों की नई गति की ओर अग्रसर होता दिखेगा।