बुलेटिन इंडिया, संवाददाता।
रामगढ़। जिंदल स्टील पावर लिमिटेड (JSPL) बालकुद्र पतरातु द्वारा किए जा रहे कथित शोषण के विरोध में जयनगर के विस्थापितों का एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को रामगढ़ उपायुक्त से मिला। जयनगर के पूर्व मुखिया वीर मोहन मुंडा के नेतृत्व में 6 सदस्यीय टीम ने उपायुक्त को एक ज्ञापन सौंपते हुए कंपनी द्वारा किए गए वादाखिलाफी और जमीन अधिग्रहण में अनियमितताओं की विस्तृत शिकायत की।
प्रतिनिधिमंडल ने आरोप लगाया कि वर्ष 2008 में JSPL ने जयनगर के ग्रामीणों से मात्र ₹5000 प्रति डिसमिल की दर से उपजाऊ भूमि खरीदी थी। उस समय कंपनी ने ग्रामीणों को कई प्रकार के प्रलोभन दिए।
जिनमें ये वादे शामिल थे :-
- स्थायी रोजगार
- ठेका कार्य
- जॉब कार्ड सरेंडर कर एकमुश्त भुगतान
- बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा और छात्रवृत्ति, तथा
- अकुशल व अर्धकुशल श्रेणी के लोगों को रोजगार देना।
लेकिन, आज 17 वर्ष बीत जाने के बावजूद ग्रामीणों को इन वादों का लाभ नहीं मिला है।
प्रतिनिधियों ने उपायुक्त से मांग की कि जिन रैयतों को अब तक JSPL में नौकरी नहीं दी गई है, वे अब कंपनी में नौकरी नहीं करेंगे और इसके बदले प्रत्येक को ₹40 लाख का मुआवज़ा दिया जाए। साथ ही यह भी आरोप लगाया गया कि JSPL ने जितनी जमीन की रजिस्ट्री करवाई है, उससे अधिक क्षेत्र पर अवैध रूप से कब्जा कर रखा है, जिसे मुक्त कराए जाने की भी मांग की गई।
उपायुक्त ने प्रतिनिधिमंडल की बातों को गंभीरता से सुनते हुए उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। इसके अतिरिक्त, विस्थापित प्रतिनिधियों ने इस संबंध में बड़कागांव विधानसभा क्षेत्र के विधायक रोशन लाल चौधरी को भी एक ज्ञापन सौंपा। विधायक ने भी मामले की जांच कर आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया है।

इस मुद्दे को लेकर क्षेत्र में तनाव और असंतोष की स्थिति बनी हुई है। ग्रामीणों की मांग है कि वर्षों पुराने वादों को अब साकार किया जाए और उन्हें न्याय दिलाया जाए।