बुलेटिन इंडिया, संवाददाता।

रांची। देश के प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्रसंघ चुनाव में वामपंथी छात्र संगठनों ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) और डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन (डीएसएफ) के गठबंधन ने शानदार जीत दर्ज की है। चुनाव परिणामों के अनुसार अध्यक्ष पद पर नीतीश कुमार, उपाध्यक्ष पद पर मनीषा और महासचिव पद पर मुन्तहा फातिमा विजयी हुए हैं।

इस ऐतिहासिक जीत का जश्न रांची में भी जोरदार तरीके से मनाया गया। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय (डीएसपीएमयू) और रांची विश्वविद्यालय परिसर में आइसा और आदिवासी छात्र संघ (एसीएस) के कार्यकर्ताओं ने विजय जुलूस निकाला। जुलूस के दौरान छात्र-छात्राओं ने रंग-गुलाल उड़ाते हुए उत्साहपूर्वक नारेबाजी की और एकजुटता का प्रदर्शन किया।

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इस अवसर पर आइसा झारखंड राज्य सह सचिव संजना मेहता और नौरीन अख्तर ने कहा कि “यह जीत केवल आइसा की नहीं, बल्कि देशभर में छात्र हितों के लिए संघर्ष कर रहे सभी विद्यार्थियों की जीत है। यह फीस वृद्धि, नई शिक्षा नीति 2020 और विश्वविद्यालयों के निजीकरण के खिलाफ जनादेश है।”

 

वहीं, आदिवासी छात्र संघ के प्रभारी दयाराम और सुनील सोरेन ने कहा कि “यह परिणाम बहुजन समाज के छात्रों के संघर्ष की जीत है और भाजपा, आरएसएस तथा एबीवीपी की हार है। विश्वविद्यालय परिसरों में दलित, पिछड़े, आदिवासी और अल्पसंख्यक छात्रों के साथ भेदभाव और उन्हें बेदखल करने की साजिशों को यह जीत करारा जवाब है।”

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आइसा के मो. समी और एसीएस के बादल भोक्ता ने संयुक्त बयान में कहा कि “यह जीत फासीवाद, ब्राह्मणवाद और शैक्षणिक संस्थानों पर संघी एजेंडे को थोपने के प्रयासों के विरुद्ध निर्णायक जीत है। यह धार्मिक सौहार्द और सस्ती शिक्षा के अधिकार की रक्षा करने वाले सभी प्रगतिशील ताकतों की जीत है।”

 

विजय जुलूस में आइसा से छुटुराम महतो, मो. समी, विजय कुमार, अनुराग रॉय, निखिल कुमार तथा आदिवासी छात्र संघ से सुनील सोरेन, अमृत मुंडा, बादल भोक्ता, वसीम अंसारी, सुभाष मुंडा, रंजन महतो और श्यामसुंदर वर्मा सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं शामिल रहे।

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